अब मध्यप्रदेश में भी सब कुछ ठीक नहीं है
मप्र में शिवराज सिंह चौहान उम्दा काम कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं उनकी आंख से चूक हो रही है। भूमिका कलम की ये खबर मध्यप्रदेश में गरीबों के साथ होने वाली घटनाओं को छोटा सा नमूना भर है। इसके पहले रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज ब्लॉक में भी ऐसा ही हुआ था। बात केवल मुस्लिमों की ही नहीं है, बल्कि हर वो आदमी पुलिस से पीडि़त है जो आम है और वो किसी अपराध का शिकार हो गया है।


चेयरमैन न्यायमूर्ति जी.एन. रे, पद्मश्री अभय छजलानी, दैनिक भास्कर के समूह संपादक श्रवण गर्ग की मौजूदगी में गत दिनों में इंदौर प्रेस क्लब में किया गया स्मारिका के कवर पेज को खूबसूरत बनाते हुए पेन की नीब से रुपए गिरते हुए बताये गए हैं। कवर पेज पर ही लिखा है ‘‘एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओं दोस्तो, इस दीये में तेल से भीगी हुई बाती तो है’’। स्मारिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी, श्रवण गर्ग, डॉ. वेदप्रताप वैदिक, हरिवंश, अभय छजलानी, रामशरण जोशी, पुण्य प्रसून वाजपेयी, ओम थानवी, पंकज शर्मा, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, सुचेता दलाल सहित 49 पत्रकारों और राजनेताओं के भी आलेख छापे गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, भाजपा नेता अरूण जेटली, दैनिक भास्कर के संचालक सुधीर अग्रवाल, राष्ट्र संघ भय्यू महाराज, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, न्यायमूर्ति पी.वी. सांवत ने भी अपने विचार रखे हैं। पूरे देश में पहली बार निकली इस स्मारिका में छपे लेख पढ़कर पता चलता है कि पत्रकार अब अपने खिलाफ भी लिखने लगे हैं। अखबार मालिकों की चाकरी करने वाले संपादक जो अब अखबारों के लिए जनसंपर्क अधिकारी का रोल भी निभाते हैं। उन्होंने पेड न्यूज को सही और गलत दोनों बताया। इस स्मारिका में छपे लेख हम रोजाना अपनी वेबसाइट पर पाठकों और पत्रकारों के लिए प्रकाशित करेंगे। इस स्मारिका में छपे लेख पर हम पाठकों की प्रतिक्रिया भी चाहेंगे। कृपया आप अपनी प्रतिक्रिया हमें अवश्य भेजे।





