भोपाल। आमतौर पर नेताओं, अफसरों और दूसरे के खिलाफ लिखने वाले खबरनवीश यानि पत्रकार अब पहली बार अपने खिलाफ खबर लिखने लगे हैं। देश में पेड न्यूज को लेकर मचे हंगामे के बाद लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभाओं के साथ–साथ पूरे देश में चौराहे–चौराहे पर चर्चा हो रही है। क्यों बिक जाते हैं अखबार मालिक? क्या कर रहे हैं पत्रकार? क्या देख रहे हैं संपादक? क्यों चुनाव के समय लाखों रुपए लेकर पाठकों को धोखा देते हुए गलत उम्मीदवारों को चुनाव जीताने के लिए सकारात्मक ही नहीं, चापलूसी की खबरें छापी जाती है।
पहले बार देश के दिग्गज पत्रकार प्रभाष जोशी ने पेड न्यूज के खिलाफ मोर्चा संभाला था। इसी बीच उनका निधन हो गया। प्रभाष जोशी और राजेंद्र माथुर जैसे पत्रकारों को समर्पित करते हुए इंदौर प्रेस क्लब ने ‘‘अपने गिरेबां में...’’ शीर्षक से स्मारिका का प्रकाशन किया है। जिसका विमोचन प्रेस कौन्सिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन न्यायमूर्ति जी.एन. रे, पद्मश्री अभय छजलानी, दैनिक भास्कर के समूह संपादक श्रवण गर्ग की मौजूदगी में गत दिनों में इंदौर प्रेस क्लब में किया गया स्मारिका के कवर पेज को खूबसूरत बनाते हुए पेन की नीब से रुपए गिरते हुए बताये गए हैं। कवर पेज पर ही लिखा है ‘‘एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओं दोस्तो, इस दीये में तेल से भीगी हुई बाती तो है’’। स्मारिका में वरिष्ठ पत्रकार प्रभाष जोशी, श्रवण गर्ग, डॉ. वेदप्रताप वैदिक, हरिवंश, अभय छजलानी, रामशरण जोशी, पुण्य प्रसून वाजपेयी, ओम थानवी, पंकज शर्मा, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, सुचेता दलाल सहित 49 पत्रकारों और राजनेताओं के भी आलेख छापे गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, भाजपा नेता अरूण जेटली, दैनिक भास्कर के संचालक सुधीर अग्रवाल, राष्ट्र संघ भय्यू महाराज, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, न्यायमूर्ति पी.वी. सांवत ने भी अपने विचार रखे हैं। पूरे देश में पहली बार निकली इस स्मारिका में छपे लेख पढ़कर पता चलता है कि पत्रकार अब अपने खिलाफ भी लिखने लगे हैं। अखबार मालिकों की चाकरी करने वाले संपादक जो अब अखबारों के लिए जनसंपर्क अधिकारी का रोल भी निभाते हैं। उन्होंने पेड न्यूज को सही और गलत दोनों बताया। इस स्मारिका में छपे लेख हम रोजाना अपनी वेबसाइट पर पाठकों और पत्रकारों के लिए प्रकाशित करेंगे। इस स्मारिका में छपे लेख पर हम पाठकों की प्रतिक्रिया भी चाहेंगे। कृपया आप अपनी प्रतिक्रिया हमें अवश्य भेजे।
sabhar-घमासान.कॉम
3 comments:
nice
पत्रकारों की ये अच्छी पहल है।
acha hai
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