Thursday, August 27, 2009

मीडिया हाउस हुआ eye4media

लंबे समय से सोच रहा था की अपने ब्लॉग का नाम कुछ एसा हो जो काम को नाम में दिखाए। साथ ही उसका नाम और url यानी वेब पता भी एक हो। इसकी एक वजह मेरे उन दोस्तों का सुझाव भी है जिनका कहना था की नाम ओस वेब पता एक होना चाहिए इससे कन्फयूजन की स्तिथि हो। उन्होंने ही मुझे आई फॉर मीडिया जेसे किसे नाम का सुझाव दिया। मेरे सभी मित्र बड़े बैनर में पत्रकार हैं। अंतत काफी लम्बी खोज के बाद मुझे आई फॉर मीडिया एक एसा नाम मिला जो इस ब्लॉग के विचारों को नाम से मिलाता है। में उन ब्लोगर्स से माफ़ी चाहता हूँ जिन्हें नाम बदलने की वजह से कुछ भी परेशानी होती है। उम्मीद है की आप सब इस नए नाम के साथ भी मुझे उतना ही प्यार देंगे जितना मीडिया हाउस को दिया।

Saturday, August 22, 2009

राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार समारोह आज से भोपाल में

मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्थापित ध्येयनिष्ठ एवमं मूल्याधारित पत्रकारिता के लिये स्वर्गीय मानिकचंद्र वाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार 2008 समारोह शनिवार 22 अगस्त से भोपाल के भारत भवन और रविन्द्र भवन में आयोजित किया जा रहा है। इस बार पुरस्कार से सम्मानित किए जायेंगे वरिष्ठ पत्रकार रामशंकर अग्निहोत्री।
कार्यक्रम का उदघाटन आज १२ बजे भारत भवन में संस्कृति एवमं जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा करेंगे। समारोह के पहले दिन दो सत्र आयोजित किए जायेंगे। जिसमे से पहले सत्र में विश्व सभ्यताओं के अन्तसंबंध विषय पर चर्चा होगी। दूसरे सत्र में वैश्विक आतंकवाद की चुनोतियों: भारत की भूमिका पर विमर्श एवमं उधबोधन होगा। मुख्य कार्यक्रम रविवार को होगा। जिसमे दैनिक भास्कर समूह के संपादक श्रवण गर्ग, टी वी कलाकार स्मृति ईरानी, तरुण विजय, पीपुल्स समाचार के महेश श्रीवास्तव, राज्यसभा सदस्य प्रभात झा, प्रभु जोशी वक्तव्य देंगे। कार्यक्रम में चर्चा समन्वयक होंगे पत्रकार शरद जोशी। जबिक इसके पहले एक सत्र आयोजित होगा जिसमे स्वाधीन भारत राष्ट्र का बौद्धिक अतीत और भविष्य विषय पर चर्चा होगी।

Friday, August 21, 2009

पत्रकार मगर थे खौफज़दा!

भोपाल। गुरुवार यानि 20/08/2009 को भोपाल स्थित सहारा इंडिया कुञ्ज के सामने 100 लोगों की भीड़।
सभी के चेहरे उतरे हुए थे। 18 से लेकर 55 साल तक के लोग इस भीड़ में शामिल थे। लेकिन किसी के भी चेहरे पर मुस्कान नही ।
ऐसा लग रहा था की मानो ये लोग किसी के अन्तिम संस्कार के बाद होने वाले उठावने में शामिल होने आए हों। जबकि वहां कोई न तो कोई अर्थी थी और न ऐसी स्थिति (भगवान न करे) ।
इसके बाद भी पुरा माहोल गम से भरा था। ये कहानी किसी आम आदमी की नही बल्कि है सहारा समय न्यूज़ चेनल के विभिन्न जिलों से आए स्ट्रिंगरों की। जो भोपाल आए थे इस डर के साथ की पता नही की किस स्ट्रिंगर को उसके जिले से अलग कर दिया जाएगा। खेर ऐसा नही हुआ, लेकिन गम तो फ़िर भी था, क्योंकि कई लोग अपने ब्यूरो चीफ से दूर हो चुके थे। दरअसल सहारा समय ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगड़ के भोपाल और रायपुर के ब्यूरो को छोड़कर इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर के ब्यूरो समाप्त कर दिए हैं। हालाँकि इस बारे में स्ट्रिंगरों को शाम तक नही बताया गया। मीटिंग के दौरान देखने में आया की सभी स्ट्रिंगर अपने-अपने जिलों में धक्दर हैं लेकिन गुरुवार को इनके चेहरे खौफज़दा थे। मीडिया हाउस गुरुवार को हुई इस बैठक को सिलसिलेवार आपके सामने ला रहा है
11 बजे सुबह- सभी जिलों के पत्रकार सहारा इंडिया कुञ्ज पहुँच गए और मीटिंग का इंतजार करने लगे। हर चेहरे पर एक ही सवाल था की क्या होने वाला है।
12 बजे दोपहर- एक घंटे के इंतजार के बाद सभी स्ट्रिंगर से बोला गया की वे खाना खा लें। इसके बाद अपने ब्यूरो को सर आंखों पर बिठाने वाले स्ट्रिंगरों को एक व्यक्ति भोपाल की मिलन रेस्टोरेंट में ले गया।
फिक्स है मीनू- जिस होटल में स्ट्रिंगरों को खाना खिलाया वहां मीनू में पहले से दो रोटी फिक्स थी। इस कारण कई लोगों का होटल वालों से विवाद भी हुआ।
१.३० बजे दोपहर-मीटिंग शुरू हुई, जिसको इनपुट हेड राजेश झा, भोपाल ब्यूरो प्रकाश तिवारी और रायपुर ब्यूरो रुचिर गर्ग ने संबोधित किया।
अफवाहों पर विश्वास न करें-तीनों ही दिग्गजों ने स्ट्रिंगरों को भरोसा दिलाया की सहारा से किसी भी स्ट्रिंगर को नही निकला जा रहा है और ये केवल अफवाह मात्र है। साथ ही सभी स्ट्रिंगरों को उनका मार्च तक पेमेंट भी कर दिया गया। इसके पीछे भी एक खास वजह थी की बहुत जल्द मध्य प्रदेश में जन सन्देश और जी का क्षेत्रीय चेनल शुरू हो रहे हैं और सहारा मुश्किल वक़्त में अपने होनहार स्ट्रिंगरों को खोना नही चाहता।
ब्यूरो क्यों ख़त्म किए, इस बात का नही था कोई जवाब-हमेशा मीटिंग में नज़र आने वाले इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर ब्यूरो नज़र नही आए तो स्ट्रिंगर्स ने सवाल किया लेकिन इनपुट हेड के साथ सभी ने इस सवाल का जवाब टाल दिया। बाद में मालूम करने पर पता चला की भोपाल ब्यूरो को छोड़ शेष सभी ब्यूरो और पत्रकारों को स्ट्रिंगर बना दिया। इस बात से सभी स्ट्रिंगर बेहद दुखी दिखाई दिए।

ब्राम्हण पत्रकारों के भोज का सच

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को बदले जाने के लिए ब्राम्हण पत्रकारों ने लाबिंग शुरू कर दी हैं इंदौर के पैसे से भोपाल में पत्रकारों के लिए एक भोज रखा गया था भोज तो दरसल एक बहाना था इंदौर के एक बीजेपी नेता ने इस सब को प्रयोजित किया और ब्राम्हण पत्रकारों को उनका उचित स्थान दिलवाने के लिए ब्राम्हण मुख्यमंत्री को वक़्त की जरूरत बताया हलाकि इस आयोजन के जरिये एक तीर से दों निशाने साधने की कोशिश की गयी हैं एक तो ब्राम्हण मंत्रियों को इसके जरिये सीएम शिवराज सिंह से लड़वाने की कोशिश हैं और दूसरा अगर यह लडाई शुरू होती हैं तो इसका सीधा लाभ इंदौर को दिलवाया जाये और मालवा के दमदार नेता कैलाश विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री बनवाया जाये इस सब जोर गणित के पीछे ब्राम्हण पत्रकारों को मोहरा बनाया जा रहा हैं और गरीब गुरबे पत्रकार अपने ही बीच के कुछ दल्ले नुमा पत्रकारों की चाल को भोज करने के बाद ही समझ पाए भोज में शामिल अधिकांश पत्रकार भोज कर वापस हो लिए क्यूंकि इस आयोजन में जो चहरे सामने आये उनमे कुछ घोषित दलाल , कुछ घोषित शराबी और कुछ घोषित स्त्रीलोलुप पत्रकार थे इनमे वे लोग भी शामिल हैं , जिनके दामन पर अमानत में खयानत और लड़कीबाजी तक के दाग लगे हैं इस भोज में गए पत्रकार सुरेश शर्मा ने बताया की मुझे तो इनका एजेंडा तक नहीं पता था , मुझे तो अचानक भाषण देने को खडा कर दिया गया इसका औचित्य क्या था मुझे तो यह तक नहीं पता था ब्राम्हण भोज के लिए लाखों रूपये एक इन्दौरी दलाल ने दिए थे उनका मकसद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ ब्राम्हण पत्रकारों को एकजुट करना और इस बात को फैलाना था कि शिवराज के सामने ब्राम्हण मंत्री अनूप मिश्रा , गोपाल भार्गव और लक्ष्मीकांत शर्मा अब एक चुनौती हैं लेकिन इस आयोजन में बिचौलिये और कुछ चरित्रहीन ब्राम्हण पत्रकारों के सामने आने से यह शो फ्लॉप हो गया , अच्छी संख्या के बावजूद सभी ब्राम्हण पत्रकारों को एक राए नहीं किया जा सका इसमें शामिल दो पत्रकारों को लाल बत्ती चाहिए थी तो आठ को सरकारी फिल्म के टेंडर तो बाकि को सप्लाई ऑडर चाहिए थे सब के अपने अपने एजेंडे थे इनमे से २७ लोग ऐसे थे जो पत्रकार बिरादरी में सिर्फ काले काम को छुपाने के लिए हैं एक एसा था जिसके चेहरे पर उसके काले कारनामो कि कालिख साफ़ नज़र आती हैं इनमे कुछ अपने कारनामों से इतने बदनाम हो चुके हैं कि वे ऐसे आयोजन के जरिये अपने अस्तित्व को तलाश रहे हैं इनमे से कुछ कि चिंता यह थी कि उनकी सरकारी नौकरी वाली बीवियों के तबादले न हो और अगर हो गया हैं तो उसे कैसे रुकवाया जाये ब्राम्हण पत्रकारों कि एकता के नाम हुए इस आयोजन से तमाम सारे उन पत्रकारों ने दूरी भी बनाये राखी जो सिर्फ पत्रकारिता में यकीन रखते हैं इंदौरी अंदाज में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के इस अभियान कि वैसे तो अपने आप ही हवा निकल गयी क्यूंकि २७ लोग मिलकर क्या खिचडी पका रहे हैं , यह बाकि पत्रकारों कि समझ में आ गया कार्यक्रम में शामिल मनोज मिश्रा ने कहा कि "दलालों और चरित्रहीन के रहते ऐसा कोई आयोजन सफल नहीं हो सकता क्यूंकि पत्रकारिता किसी जाती विशेष से जुडा मसला नहीं हैं हम सारे समाज के हैं सिर्फ ब्राम्हणों के नहीं जो लोग भी इस आयोजन के पीछे हैं वे भी समझ ले पहले पत्रकार को पत्रकार बन जाने दो फिर उसे ब्राम्हण और राजपूत या दीगर जात में बाँटना वैसे भी उस आयोजन में जो लोग सामने थे उनके लक्षण ब्राम्हणों वाले थे नहीं कुछ कि काम वास्नाये उनके चेहरे पर थी तो कुछ सुबह से ही दारु पी कर चले आये थे" इस आयोजन से उम्मीद थी कि सारे ब्राम्हण कलमघिस्सू एक हो कर राजनीती में बदलाव की नई इबारत लिखेंगे लेकिन हुआ ठीक उसका उल्टा इनमे जिन चेहेरों को सामने लाया गया उनके कारनामों से ब्राम्हण जाति और पत्रकारिता दोनों शर्मसार हुई सो अधिकांश ब्राम्हण पत्रकारों ने भोज किया और अपने-अपने घर खिसक लिए आयोजन स्थल पर जो लोग बचे थे वे सोंचे ,वे क्या वाकई पत्रकार हैं और क्या सिर्फ पत्रकारिता कर रहे हैं या इसकी आड़ में उनकी मंशा कुछ और हैं

(साभार दखल नेट)

मध्य प्रदेश में पत्रकारों का बड़ा फेरबदल

विनोद त्रिपाठी को ग्वालियर भास्कर में भिंड का ब्यूरों बना दिया। भिंड के ब्यूरो रहे लाजपत अग्रवाल ने भास्कर छोड़ दिया है। नितिन दुबे ने पीपुल्स समाचार ज्वाइन कर लिया है। प्रदुम्न प्रकाश ने नवभारत छोड़कर डी बी स्टार ज्वाइन कर लिया है। अनिल शर्मा ग्वालियर भास्कर के स्थानीय संपादक बन गए हैं। अनूप शाह को दैनिक भास्कर का स्थानीय संपादक बनाया गया है। बलराम सोनी को ग्वालियर भास्कर से स्थानांतरित कर भोपाल भास्कर लाया गया है। मुकेश सक्सेना को भोपाल भास्कर से वापस ग्वालियर भेज दिया है। इंदौर भास्कर से शैलेष दिक्षित, कपिल भटनागर, विनोद शर्मा ने भास्कर से इस्तीफा देकर पत्रिका ज्वाइन कर लिया है। राजीव भदोरिया, राजू चंद्रवंशी, आशीष सक्सेना ने उज्जैन भास्कर छोड़ दिया है। इसके साथ पीपुल्स समाचार ग्वालियर से शुरू होने के साथ ही भास्कर ग्वालियर से 14 पत्रकारों ने भास्कर को छोड़ने का मन बना लिया है। इसके आलावा भोपाल भास्कर और पत्रिका से भी कई पत्रकारों ने संसथान छोड़ने का मन बना लिया है।

Thursday, August 20, 2009

शाहरुख़ तुम वाकई बड़े अभिनेता(नेता) बन गए हो!

ये ख़बर हे एक दैनिक अख़बार की जिसमे शाहरुख़ खान ने सफाई दी है की उन्हें पब्लिसिटी के लिए कोई स्टंट करने की जरूरत नही है। साथ ही ये भी कहा की किसी भी देश की सुरक्षा व्यवस्था उनके लिए सर्वोपरि है। अब सवाल ये है की आख़िर चार दिन में शाहरुख़ खान उर्फ़ किंग खान के हृदय परिवर्तन केसे हो गया? क्योंकि यही वे शाहरुख़ हैं जो 15 अगस्त को बकायदा सभी चेनल पर कह रहे थे की उन्हें केवल मुस्लिम होने के कारण इस चेकिंग से गुजरना पड़ रहा है। चूँकि अब उनका काम हो चुका है और पूरे देश की जनता जान गई है की उनकी माय नेम इस खान नाम से कोई फ़िल्म बन रही है। अब नैतिकता दिखने में कोई हर्ज़ नही है। उल्टा अब गलतबयानी करने से दोबारा फ़िल्म को प्रचार मिलेगा। क्योंकि ख़बरों की भूखी( केवल चमक वाली ख़बरों की) मीडिया को बताना तो पड़ेगा की आख़िर शाहरुख़ किस बात का खंडन कर रहे हैं । ऊपर से सलमान को भी सीख दे डाली की वे मामूली हैं और शाहरुख़ गैर मामूली हैं इसलिए उनके ऊपर कमेन्ट नही करना चाहिए।

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में मना ब्लॉग का दसवा जन्मदिन

स्वतंत्र अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बन चुका ब्लॉग अपना दसवां जन्मदिन मना रहा है। इस मौके पर भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में ब्लॉग के जन्मदिन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे ब्लॉग जगत में बड़ा नाम कमा चुके लोगों ने शिरकत की। प्रख्यात ब्लोगर रवि रतलामी कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण थे। मौके पर केक भी काटा गया। समारोह की अध्यक्षता पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष श्री पुष्पेन्द्र पाल सिंह ने की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ब्लोगर मौजूद थे। गौरतलब है की भोपाल में अब बड़ी संख्या में ब्लॉग से लोग जुड़ चुके हैं और एक बड़ी कम्युनिटी के रूप में आकर ले रहे हैं। मध्य प्रदेश में रवि रतलामी के अलावा कई लोग हैं जो नियमित ब्लॉग लिखते हैं। ब्लॉग को लेकर दैनिक भास्कर एक बड़ा आयोजन भी कर चुका है। जिसमे अफलातून जैसे बड़े ब्लोगर ने शिरकत की। कार्यक्रम का संचालन मोहल्ला ब्लॉग के अविनास दस ने किया था। जिसको अब तक का सफल आयोजन मन जाता है।

हर तारीख पर नज़र

हमेशा रहो समय के साथ

तारीखों में रहता है इतिहास