Wednesday, February 17, 2010

टीवी न्यूज़ चैनल करेंगे IPL-3 का बॉयकाट



इंडियन प्रिमियर लीग के आयोजकों द्वारा टीवी चैनलों के लिए फुटेज की अवधि कम करने से इलेक्ट्रानिक मीडिया ने तीखी प्रतिक्रिया की है। चैनलों के संगठन न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन ने आईपीएल-3 के मैचों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
आईपीएल मैचों के आधिकारिक प्रसारक सेट मैक्स ने कवरेज को लेकर एनबीए की शर्तों को मानने से साफ इनकार कर दिया। इसका असर ये होगा कि अब आईपीएल के मैचों की फुटेज और उनका विश्लेषण टीवी न्यूज़ चैनलों पर नहीं दिखेगा।
टीवी फुटेज के मसले पर आईपीएल अध्यक्ष ललित मोदी ने चैनलों के किसी फोन कॉल का जवाब तो नहीं दिया पर सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के ज़रिये कहा है, आईपीएल मैचों के सीधे प्रसारण का अधिकार सिर्फ सेट मेक्स के पास है। आईपीएल से जुड़ी खास खबरों के लिए दर्शक हमारी वेबसाइट IPLT20.com पर क्लिक कर प्राप्त कर सकते हैं।
आईपीएल के नवीन मीडिया नियमों के अनुसार हर न्यूज़ चैनल आईपीएल मैचों की फुटेज एक दिन में सिर्फ सात मिनट के लिए दिखा सकेगा। और ये फुटेज भी लाइव मैच से आधे घंटे बाद की होगी। साल 2008 में टीवी चैनल लाइव मैच से पांच मिनट बाद की फुटेज दिखा सकता था।

Tuesday, February 16, 2010

इतिहास में 16 फरवरी

759 मद्रास पर फ्रांस का आधिपत्य खत्म हुआ। 1927 अमेरिका ने टर्की के साथ अपने कूटनीतिक संबंध पुनर्बहाल किए। 1932 पहली बार जेम्स मारखम के द्वारा किसी पेड़ का पेटेंट कराया गया, वह पेड़ आडू का था। 1937 नायलॉन का पेटेंट किया गया। 1945 वेनेजुएला ने नाजी जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की। 1956 ब्रिटेन ने मृत्युदंड पर रोक लगाई। 1959 फिदेल कास्त्रो क्यूबा के राष्ट्रपति बने। 1961 चीन ने अपने पहले परमाणु रिएक्टर का उपयोग किया। 1994 सुमात्रा में भूकंप से करीब 200 लोग मारे गए।

Saturday, February 13, 2010

कहीं शिवसेना खान को प्रमोट तो नहीं कर रही थी?


में पत्रकार हूँ और किसी घटना पर एकदम विश्वास करना मेरी आदत नहीं है। खासतौर से तब जब मामला राजनीति और आर्थिक मामलों का हो। हालिया मामला फिल्म माय नेम इस खान का है, जो अभी न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खबर बनी हुई है। इस फिल्म का शिवसेना ने जमकर विरोध किया और जनता को भई धमकाया की अगर वे फिल्म देखने गए तो ठीक नहीं होगा। ये भी कहा की फिल्म को किसी भी हालत में चलने नहीं देंगे। लेकिन हमारे देश की जनता ने एक बार फिर शिवसेना को करार जवाब दिया। हालाँकि शिवसेना में एसा कुछ नहीं जिसके लिए जनता को चिंता करने की जरुरत नहीं थी। लेकिन देश के न्यूज़ चैनल ने जनता को एसा करने के लिए मजबूर कर दिया। पुरे देश की जनता महंगाई समेत तमाम समस्यों को भूल चुकी थी और सभी को एक ही चिंता खाए जा रही थी की माय नेम इस खान जरुर लग जाए वर्ना देश का क्या होगा। भले एक वक़्त चाय नहीं पियेंगे लेकिन फिल्म देखने जरुर जाना है। महाराष्ट्र सरकार समेत देश के अन्य राज्यों की सरकार भई इसी काम में जुट गयी और १२ दिसंबर को हर सिनेम्घर पर पुलिस का मजमा था। एक तरफ भरी भीड़ और दूसरी तरफ चाँद शिवसैनिक और बीच में पुलिस। शिवसैनिक केवल नारेबाजी करती रही और फिल्म शुरू होते ही तमाम फुरसतिया नोजवान जो शिवसैनिक बनकर आये थे अपने-अपने घर या फिर फिल्म देखने चले गए। सबसे बड़ा सवाल ही ये की शिवसेना के विरोध में कोई दम नहीं दिखा और इससे भी बड़ी बात की जेसे फिल्म रिलीस हुई शाहरुख़ ने तत्काल ट्विटर पर जाकर माफ़ी मांग ली और कुछ देर बाद बल ठाकरे ने भी अपने कार्यकर्ताओं को बधाई दे दी। यानि अब सब कुछ शांत हो गया। न कोई हंगामा और न कोई विरोध फिल्म हित हो गयी।
लेकिन क्या लेखक भी लिखते रहेंगे की जनता जीत गयी क्योंकि मुझे तो लगता है की जनता हार गयी।

हर तारीख पर नज़र

हमेशा रहो समय के साथ

तारीखों में रहता है इतिहास