tag:blogger.com,1999:blog-3981084501651079892024-02-07T10:56:01.774+05:30EYE-4-MEDIA------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------Unknownnoreply@blogger.comBlogger96125tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-56579082914447128742013-11-29T11:12:00.001+05:302013-11-29T11:12:24.875+05:3029_11_13_<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-46957994149165502022013-11-28T10:47:00.001+05:302013-11-28T10:47:21.908+05:3028_11_13_<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-36816649424140508232013-11-22T10:02:00.001+05:302013-11-22T10:02:10.519+05:3022 NOV 2013<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-49218109311273554692013-11-21T15:32:00.001+05:302013-11-21T15:32:04.873+05:3021_11_2013<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-56583921285173754552013-11-20T11:17:00.001+05:302013-11-20T11:17:08.501+05:30PAGE - <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
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Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-11876768611599616852011-10-20T14:36:00.001+05:302011-10-20T14:38:23.204+05:30भोपाल जिले के महत्वपूर्ण दूरभाष<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="post-header">
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<div dir="ltr" style="text-align: left;">
<span style="font-size: small;"><b>001 श्री मनोज श्रीवास्तव, आयुक्त IAS 2540399, 2431082, 94251 50651<br />002 श्रीमती उर्मिल मिश्र, उपायुक्त, 2540859, 2420319<br />003 श्रीमती उर्मिला सुरेन्द्र शुक्ला उपायुक्त राजस्व, 2548643, 2746233, 94250 05037<br />004 श्री सी0एल0 डोडियार, उपायुक्त, विकास, 2537030, 99775 81047<br />005 श्री बी0एस0 चंदेल, निज सहायक, 2548399, 2767202, 98268 39331<br />006 श्री निकुंज श्रीवास्तव, कलेक्टर भोपाल, 2540494, 2430003, 94251 09681<br />007 सुश्री आयरिन सिथिंया जे0पी0 CEO ZP 2738041, 2411947, 94251 72700<br />008 श्री दीपक सक्सैना, अपर कलेक्टर, 2540927, 2422574, 94253 03130<br />009 श्री कृष्ण गोपाल तिवारी, सहा0 कले IAS, 90984 43366<br />010 श्री अजय गुप्ता, सहायक कलेक्टर IAS, 78989 00440<br />011 श्रीमती शिल्पा, सहायक कलेक्टर IAS, 88179 69279<br />012 श्री उमाशंकर भार्गव ADM, 2540822, 2431080 , 94251 68757<br />013 श्री जी0पी0 माली SDM Huzur, 2737851, 94250 09864<br />014 श्री राजेश श्रीवास्तव तहसीलदार हुजूर, 2540770, 94258 02025<br />015 श्री चन्द्रशेखर श्रीवास्तव, अपर तहसीलदार, हुजुर, 2540770, 94254 93131<br />016 श्रीमती संध्या कौशल चतुर्वेदी, ना0तह0 (न्यायालय), 2540770, 94240 36445<br />017 श्री के0जी0 तिवारी SDO & SDM Bera., 288288, 90984 43366<br />018 श्री अशोक नायक तह0 बैरसिया, 94253 04730<br />019 श्री विकास मिश्रा N.O. T.T. N., 2779581, 94250 28181<br />020 श्री संजय श्रीवास्तव, तहसीलदार, 94254 70737<br />021 श्री चन्द्र मोहन मिश्रा, N.O. Bgh.& City, 2737854, 94251 84480<br />022 श्री वरूण अवस्थी, तहसीलदार, एम0पी0नगर 2732396, 98260 56730<br />023 श्री अतुल सिंह, तहसीलदार,. 94254 11601<br />024 श्रीमती यशाराय चौकसे, ना0तह0 बैरागढ़, 98273 22723<br />025 श्री संजीव केशव पाण्डे तहसीलदार, समाधान, 94253 73614<br />026 श्री ए0एस0 पवांर NO Gpura, 2737937. 2427801 , 94254 64161<br />027 श्री मकुल गुप्ता, तहसीलदार 2779581, 94251 09951<br />028 श्रीमती मालती मिश्रा, NO ,M.P. Nager, 2552422, 99269 28300<br />029 श्री मनीष श्रीवास्तव, तहसीलदार, 98938 15139 </b></span><br />
<span style="font-size: small;"></span><br />
<span style="font-size: small;"><b>030 श्रीमती अलका सिंह नायब तहसीलदार, 2732396<br />031 श्री वृन्दावन सिंह संयुक्त कलेक्टर, 9264 84610<br />032 श्री जी0एस0 धुर्वे डिप्टी कलेक्टर, 2737854, 98937 76550<br />033 सुश्री रितु चौहान, डिप्टी कलेक्टर (परि0), 90095 22284<br />034 श्री विनोद सोनी, निज सहायक, 2540494, 2665365, 94253 58593<br />035 श्री सिद्दीकी,0 अधीक्षक, कलेक्टोरेट, 2540843, 97550 02745<br />036 श्री राकेश पाठक, रीडर-टू-कलेक्टर, 2540843, 2670400, 98262 67693<br />037 श्री बी.के.सक्सेना, निर्वाचन पर्यवेक्षक., 2538723, 2542868, <br />038 श्रीमती शुभा दत्त डीआईओ NIC, 2544139, 94256 02183<br />039 श्री भास्कर राव, एडीआईओ NIC, 2544139, 2415178, 98269 87255<br />040 श्री डी0के0 सिंह, एसएलआर, 94250 09384<br />041 श्री राजीव नंदन श्रीवास्तव, एसएलआर, 94244 44229<br />042 श्री मनीष सिंह, आयुक्त नगर निगम, 2701222, 2431314 , 94256 75440<br />043 श्री अरविंद दुबे, अपर आयुक्त, न0नि0 9424499600, 2701335, 2551204, 94250 09400<br />044 श्री प्रमोद शुक्ला अपर आयुक्त, 9425169506, 99811 20002<br />045 श्री विनोद शुक्ला, परि0 समन्वयक नगर निगम, 2701664, 9424499885, 94250 23852<br />046 श्री मयंक वर्मा, उपायुक्त नगर निगम, 94244 99900<br />047 श्री प्रदीप वर्मा, राजस्व अधिकारी, 94244 99888<br />048 श्री ए0पी0एस0गहरवार, उपायुक्त, स्वा0, 94256 00634<br />049 श्री मुदगल, सिटी प्लानर, 94251 11100, 94244 99977<br />050 श्री नंदा नगर निगम, 94244 99884, 98262 44950<br />051 श्रीमती सुनीता सिंह, सिटी प्लानर, 9425302905, 94244 99886<br />052 श्री संचय श्रीवास्तव, CEO जनपद फंदा, 2545213, 93009 57128<br />053 श्री विजय श्रीवास्तव CEO जनपद बैरसिया, 282230,. 98932 55355<br />054 श्री के0के0गुप्ता, संयुक्त संचालक योजना, 2540460, 2558854, 98272 05104<br />055 श्री एच0एस0 परमार, जिला आपूर्ती अधि0, 2540864, 94253 01558<br />056 श्री विवेक सक्सैना, सहायक खादय अधिकारी, 2540864, 94253 18037<br />057 श्री रज्जू राय, संयुक्त संचालक, जनसम्पर्क, 2541451, 2766969, 94250 07699<br />058 श्री सी0के0 सिसोदिया, उप संचालक, जनसम्पर्क, 2541451, 4289123, 98261 12336<br />059 श्री कमर अली शाह, PRO, 2540845, 2530167, 94250 29045<br />060 श्री महेश दुबे, APRO, 94244 45008<br />061 श्री आर0एस0 तोमर वरिष्ठ पंजीयक, 2441954, 98270 17846<br />062 श्री आर0एस0 यादव, उप पंजीयक, 2441954, 94250 20400<br />063 श्री के0जी0 शर्मा, उप पंजीयक, 94253 72014<br />064 श्री उमर फारूख खट्टानी, उपायुक्त भू0अभि0, 2542873, 94250 12567<br />065 श्री आर.एस. बम्हलौरिया RTO, 2573737, 99930 11884<br />066 श्री मिश्राजी, ए0आर0टी0ओ, 99771 19970<br />067 श्री सुबोध शर्मा, 98272 33799<br />068 श्री वर्मा, लेखा अधिकारी, आरटीओ कार्या098263 60075<br />069 श्री डी0एस0 कुशवाह, संयु.संचा, शिक्षा, 2778106, 98268 86282<br />070 श्री के.पी.एस.तोमर, सहा.संचा.sikshaa 2778106, 2779620 , 98265 62532<br />071 श्री सी0एम0 उपाध्याय, D.Ed.O, 2557523, 2557550, 94251 19297<br />072 श्री के0के0 अग्रवाल, DPC, 2738279, 94250 83242<br />073 श्री ए0 के0 शर्मा, सहा.संचा.शिक्षा D.EdO, 2557550, 2676003 , 98260 48818<br />074 श्री अजय वर्मा, 2549069, 94247 79942<br />075 श्री अजय शर्मा, सर्व शिक्षा केन्द्र, 2549069, 94251 70140<br />076 श्री आर0के0 स्वर्णकार, प्राचार्य डाईट, 2747842, 94256 81733<br />077 श्रीमती सक्सैना, प्राचार्य, केन्द्रीय विद्या0'2, 2576442, 2550087, 94244 10624<br />078 श्री एस0एस0 डाकुआ, प्राचायर्, के0 विद्या0 क्र0 3, 2417101, 94254 76252<br />079 श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, जन अभियान परिषद, 2660203, 2660235, 94256 67551<br />080 श्री नवनीत रत्नाकर, जिला समन्वयक,जन अभियान परिषद, 2660393, 94251 27667<br />081 डा0 संतोष कुमार शुक्ला, DOTW, 2546912, 4271656 , 78985 02333<br />082 श्री पी.डी. श्रीवास्तव, JDP, 2540865, 98262 23955<br />083 श्री बी0आर0 कोरी, मुखय कार्य0 अधि0 अंत्या0, 4093934, 92000 13065<br />084 श्रीमती नकी जहां कुरेशी, परि0अ0,म0बा0वि0 4002353, 2420570 , 94250 83175<br />085 श्रीमती शाहीन खान, जे0पी0 परियोजना, 94253 70968<br />086 श्री राहुल दत्त संधीर, मोतिया पार्क परि0, 94254 63190<br />087 श्रीमती नंदिता मिश्रा, बाणगंगा परि0, 98930 06047<br />088 श्री गणेश सिंह, फंदा परियोजना, 98930 67055<br />089 श्री आलोक श्रीवास्तव, कोलार परि0, 94254 51641<br />090 श्री ज्ञानेश खरे, गोविंदपुरा, 94251 38406<br />091 श्री सत्यसुभ्र मिश्रा बरखेड़ी परियोजना, 94250 06832<br />092 श्री अवधेश सिंह, चांदबड परि0 999079 35666<br />093 श्री सुमन पिल्लई, बैरसिया प्रथम, परियोजना 83491 92240<br />094 श्रीमती मीना सिंह, बैरसिया द्वितीय परि0 78980 10476<br />095 श्री अतुल श्रीवास्तव CF राज0परि0, 2462079, 2418913, 94250 22031<br />096 श्री कमलेश चतुर्वेदी, वन सरक्षक भोपाल, 2674322, 2460937, 94247 90551<br />097 श्री चौहान, संचालक, वनविहार 2674278, 2430680 , 94247 90610<br />098 डा0 दिलावरे, सयुक्त संचालक पशु चिकि0, 2766310, 2778047, 94251 46227<br />099, डा0 पटेल, उप संचालक, पशु चिकि0, 2766311, 94251 02852<br />100 श्री अमर नाथ पाटिल, उपं संचाल0 मत्स्य, 2741525, 2570021, 94253 82025<br />101 श्री एस0बी0 सिंह, सहायक संचालक मत्स्य, 2741525, 9981809757, 98933 71575<br />102 श्री गढवाल, मत्स्य निरीक्षक, 98260 68242<br />103 श्री के0के0 द्विवेदी, DRCS, 2540881, 94246 52412<br />104 श्री जे0पी0 गुप्ता, जे0आर0सी0एस0, 2540881, 94250 07323<br />105 श्री एस0एस0 राठौर संयु0संचा न0एवं ग्राम नि0, 2427092, 2463431, 98270 65227<br />106 श्री अमित गजभिये, सहायक संचालक, 2427092, 2556369, 93031 33266<br />107 श्री शरद तिवारी, रजिस्ट्रार फर्म एवं संस्था, 2760363, 2430360, 94253 78410<br />108 श्री वासुंदेव सरकार, उपश्रमायुक्त (सन्निर्माण), 2538271, 94250 63966<br />109 श्री जी0सी0 नाग, सहा0 श्रमायुक्त, 2744977, 94249 57900<br />110 डा0 लालजी मिश्रा, अधीक्षक केन्द्रीय जेल, 2742250, 2551032, 94251 59463<br />111 श्री गौर, जेलर, 94244 39493<br />112 श्री पी0के0 सिंह, जेलर, 2732644, 94254 45125<br />113 श्री सिंह जेलर, 94254 33259<br />114 जिला जेल, 2551932<br />115 श्री राजेश श्रीवास्तव मु0का0अधि0 न0पा0 कोलार, 2879451, 98273 314200<br />116 श्री त्रिपाठी, उप यंत्री, 90094 42203<br />117 श्री राजपूत मु0 न0 पा0 अधि0 बैरसिया, 282231, 282237, 94254 61615<br />118 डा0 निर्भय श्रीवास्तव, DEAN GMC, 2540590, 4050524, 98260 24593<br />119 डा0 के0एल0 साहू, संयुक्त संचालक, 2660248, 2763585, 98260 24319<br />120 डा0 सजय सक्सैना, सीएमएचओ गैस, 2734625, 2535912, 94244 19186<br />121 डा0 डी0के0 पाल, अधीक्षक हमीदिया, 2540051, 4050617, 89622 80240<br />122 डा0 पंकज शुक्ला CMHO, 2557134, 2424900, 94251 48700<br />123 डा0 (श्रीमती) वीणा सिन्हा, सिविल सर्जन, 2556812, 2557249, 94251 67877<br />124 डा0 किरण शैजवार, 2557134, 94251 71235<br />125 डा0 उपेन्द्र दुबे, डीआईओ (पल्स पोलिया), 93031 33205<br />126 डा0 के0सी0 दुबे, टीकाकरण अधि0, 2557134, 2734120, 94250 25801<br />127 डा0 बी0डी0 अग्रवाल, ,2734625, 2461455, 94250 28401<br />128 ड0 अमिता दुबे, अधी0 बैरागढ सिविल अस्प0, 2641142, 2762053, 98930 45014<br />129 डा0 सुधा चौरसिया अधी0 सुल्तानिया अस्प0, 4050440, 9926768080<br />130 डा0 अरूणा कुमार, 98270 43539<br />131 डा0 डी0के0 बंसल अधी0 कमला नेहरू, 2731261, 2466814, 98270 17725<br />132 श्रीके0के0 दुबे,सचिव,गैसराहत रोगीकल्याण, 2552137, 94254 70158<br />133 डा0 संजय जैन, कमला नेहरू चिकित्सालय, 94251 63633<br />134 सीएमओ कस्तूरबा चिकि0, 2458616<br />135 डा0 गोस्वामी, अधीक्षक, काटजू चिकि0, 94250 25078<br />136 डा0 पदमाकर त्रिपाठी, जिला मलेरिया अधि0 2660636, 2551769, 94250 12338<br />137 डॉ कौशल बीएमओ गांधीनगर, 2640089, 4256111, 93031 34059<br />138 डा श्रीमती वंदना खरे, अधीक्षक, टी0बी0 चिकि0, 2665749, 94250 46736<br />139 डा राकेश वर्मा बीएमओ बैरसिया, 282258, 282699, 94254 58199<br />140 डा0 विजय माथुर, अधी0 आयु0 शिवाजी नगर, 2552522, 2572560, 93031 31389<br />141 डा0 विजय माथुर, जिला आयुंर्वेद अधि0, 2554536, 94065 41824<br />142 डा0 शुक्ला अधीक्षक, टी0बी चिकि0, 2665749, 3297581, 93009 55509<br />143 डा0 मनोज वर्मा टी0बी0 सेंटर, 2738513, 98270 43979<br />144 डा0 स्याल केंसर चिकित्सालय, 2546720<br />145 डा0 आर0के0 तिवारी, अधी, इंद्रिरा गांधी चिकि0, 2730100 , 2554294, 98261 34041<br />146 अधीक्षक, यूनानी चिकि0, शेख वकाती, 2543139, 97533 42456<br />147 श्री रमेश विजयवर्र्गी, पीपुल्स जनरल अस्पताल, 9303131716<br />148 डा0 मि़त्र संचालक, भोपाल मे0 चिकि0, करोद, 4942202, 2742212, 93031 33557<br />149 श्री डी0आर0 यदुवंशी खनिज अधिकारी, 2541034, 94250 08249<br />150 श्री राकेश बाथम, मानचित्रकार, 98930 31354<br />151 श्री सोहेल जैदी, अल्प बचत अधिकारी, 2540958, 2544303, 94253 71229<br />152 श्री एम0सी0 गुप्ता को0अधि0 TO, 2676039, 2676038, 98934 29661<br />153 श्री श्याम बिहारी गुप्ता को0अधि0, वल्लभ भवन, 2676041, 94254 39707<br />154 श्री राजेश सिंह, को0अ0, विंध्याचल, 2676043, 6537733, 94244 75942<br />155 श्री के0पी0 पाण्डेय उप संचालक कृषि, 2542829, 2775224, 94246 04197<br />156 श्री आर0के0 श्रीवास्तव, सहा0संचा0 कृषि, 2542829, 2766954, 98930 68430<br />157 श्री नेमा सहा0 भूमि संरक्षण अधि0कृषि, 2542829, 98262 93761<br />158 श्री नामदेव, उपसंचालक, उद्यानिकी, 2540769, 2414878, 94244 18066<br />159 श्री एन0के0 चौबे, सहा0आयु0,आबकारी ACE, 2540771, 2720400, 99260 64284<br />160 आबकारी कन्ट्रोल रूम Control Room, 2741394<br />161 श्री पी0के0 सिंह, उपायुक्त, सेल टेक्स, 94253 21391<br />162 श्री दासानी, सेलटेक्स, भोपाल जिला, 94250 27079<br />163 कर्नल डी0सी0 गोयल, जिला सैनिक अधि0, 2556198, 4244988, 93000 87014<br />164 श्री एम0पी0 कुशवाह, जिला कमाडेट होमगार्ड, 2556730, 2556967, 94250 37897<br />165 श्री डी0 आर0 वर्र्मा, कंपनी कमान्डर, 2556730, 94253 78268<br />166 श्री आर्ई0के0 उपनारे, कंपनी कमान्डर, 2556730, 98275 25994<br />167 श्री भारत सिंह, कंपनी कमान्डर, 2556730, 94065 68808<br />168 श्री एस0डी0 सिंह अधी0 यंत्री शहर, 2678242, 94069 02031<br />169 श्री मधु अत्रे , अधी0यंत्री ग्रामीण, 2678339, 2420641, 94250 16000<br />170 श्री जाहिद खान, कार्य0यंत्री, 9406902145<br />171 श्री शैलेन्द्र सक्सैना, 94250 16100<br />172 श्री अमृत पाल सिंह, अति0 अधी0 यंत्री, साउथ, 2678306, 94853 03951<br />173 श्री ए0पी0 सिंह, अति.अधी.बेस्ट, 2678203, 2678328, 94253 03951<br />174 श्री राजीव अग्रवाल, अति.अधी. ग्रामीण, 2678282, 98272 22787<br />175 श्री कुमार पुरूसोत्तम सीईओ बीडीए, 2555670, 99811 20002<br />176 श्री अरूण श्रीवास्तव एडी0 सीईओ बीडीए, 2555670,94250 29252<br />177 श्री बी0के श्रीवास्तव जी0एम0 प्र0 मंत्री स0 योजना, 2734796, 2573432, 94244 10228<br />178 श्री वी0आर0 गुंजरे, अधी0 यंत्री, रा0रा0मार्ग, 2776939, 2770827, 94251 46821<br />179 श्री कौशिक अनु. अधि0 रा0रा0मार्ग, 2776939<br />180 श्री किशन वर्मा, कार्य0 यंत्री रा0राज्यमार्ग, 2776939, 94250 05296<br />181 श्री पी0सी0 जैन, मुखय अभि0 लोनिवि, 2551403, 94253 57794<br />182 श्री अखिलेश उपाध्याय, अधी0यंत्री 98262 85992<br />183 श्री के0सी0 अहिरवार, अधी0 CPA, 98261 77666<br />184 श्री जवाहर सिंह, कार्य0 यंत्री ब्च्।, 2463365, 2423554, 94253 01802<br />185 श्री अजय श्रीवास्तव, कार्य0यंत्री राज0परि0, 94250 04051<br />186 श्री खरे, अधीक्षण यंत्री लो0नि0वि0, 2777605, 93004 73677<br />187 श्री जी0पी कटारे, अधी0 यंत्री लो0नि0वि0 सर्किल नं0 1, 2779529, 2601746, 94247 63738<br />188 श्री के0पी0एस0 राना कार्य0यंत्री सं0 1, 2777485, 94243 66754<br />189 श्री पंकज शर्मा, अनु0अधि0 एम-1, 94250 20546<br />190 श्री पी0डी0 दुबे, अनु0 अधि0, 98269 04820<br />191 श्री एन0एस0 भलावी, अनु0 अधि0, 98930 61256<br />192 श्री हेडाड अनु0 अधिकारी, 2779711, 2784367, 98263 26354<br />193 श्री संजय खाण्डे, कार्य0यंत्री सं0 2, 2777461, 98262 71445<br />194 श्री गौरी, अनु0अधि0 (1) पुराना सचिवालय, 94250 24786<br />195 श्री आर0के0 जैन, अनु0 अधि0 चार इमली, <br />196 श्री के0एस0 शर्मा, अनु0 अधि0 जेल-2, 99933 40141<br />197 श्री के0एस0 पंथी, अनु0 अधि0जेल-1, 98932 30222<br />198 श्री जावेद शकील, अनु0 अधि0 बैरसिया, 94250 07335<br />199 श्री जी0डी0 गुप्ता, कार्य0यंत्री न्या भोपाल, 2777461, 94256 36599<br />200 श्री पी0के0 जैन, अनु0 अधि0 कटसी क्षेत्र, 2777461, 99263 34457<br />201 श्री वाय0एस0 कुशवाह, अनु0 अधि0 74 बंगला, 93037 16111<br />202 श्री बी0आर0 यादव, अनु0 अधि0 शिवाजीनगर, 94251 86923<br />203 श्री हजेला अनु0अधि0 आरजीपीवी, 99938 23239<br />204 श्री आर0जी0 अग्रवाल, अनु0 अधि0 1100, 90009 12105<br />205 श्री मुकुल सक्सैना, कार्य0यंत्री, वि./यां, 2776679, 2461700, 94256 73438<br />206 श्री खान, उपयंत्री, पुराना सचिवालय, 93006 69997<br />207 श्री एन0के0 कश्यप, अधी0यं0 लो0स्वा0यां0, 2424392, 4220198, 94250 37333<br />208 श्री सुनील कुमार कार्य0यं0 लो0स्वा0यां0, 2556859, 2778256, 98262 14495<br />209 श्रीमती मंजु सिंह, सहा0यं0 लो0स्वा0यां0, 2556859, 4296562, 94250 23804<br />210 श्री आई एस0 दुर्रानी, अधी0यंत्री जल संसाधन, 2430354, 2430291, 94251 94080<br />211 श्री अरविन्द उपमन्यु, कार्य0यंत्र WRD, 2553096, 2750566, 94253 69846<br />212 श्री अशोक कुमार गुप्ता, उपसंभाग भोपाल, 94250 23828<br />213 श्री अजय कुमार कुटेजा, बैरसिया, 97527 78997<br />214 श्री एम0के0 श्रीवास्तव, अधी.यत्री नर्मदा, 2550982, 94244 93396<br />215 श्री बी0एम0 सोनी, कार्य0यंत्री, नर्मदा, 2554455, 94250 11042<br />216 श्री गांधी, अधी0 यंत्री कोलार, 2424009, 2766005, 94250 13256<br />217 श्री ए0के0 सक्सैना कलियासोत, अनु0 अधि0 शीर्ष, 2553096, 2585592, 94250 26248<br />218 श्री ए0के0 कुटेजा, अनु0 अधिकारी घोड़पछाड, 2461535, 2423749, 9752778997<br />219 श्री आर0के0 सोनी ,अनु0अधि0 कलियासोत नहर, 98265 32920<br />220 श्री शिरीश मिश्रा,अनु0अधि0 जल संसाधन, 2557106, 2560686, 99770 02271<br />221 श्री शरद श्रीवास्तव,अनु0अधि0 जल संसाधन, 2661519<br />222 श्री एम0एल0विश्वकर्मा, का.यं.विधानसभा, 2463894, 2664600<br />223 श्री ए0के0 पाण्डे,मुखय अभि. सीपीडब्लूडी<br />2679314, 94253 30222<br />224 श्री रमेश चन्द्र अधी0यंत्री,सीपीडब्लूडी, 2679320, 2424739<br />225 श्री एन0के0 खत्री, कार्य0यंत्री सीपीडब्लूडी, 2679322, 94256 06235<br />226 श्री राजीव साहू,कार्य0यं0 ई एण्ड एम, 2679300, 2788899<br />227 श्री मोहन खेमचंदानी कार्य0यंत्री, 2679300<br />228 श्री वी0के0 श्रीवास्तव, महा प्रबंधक प्र0सं0यो, 2734796, 2730306, 94244 10228<br />229 श्री नायडू कार्य0 यंत्री आरईएस, 2541072, 94250 02772<br />230 श्री सत्येन्द्र धातरे, परि.अधि.शहरी विकास, 2540395, 98262 56356<br />231 श्री मनोज श्रीवास्तव, सहा.परि. शहरी, 2540395, 97527 02235<br />232 श्री सतीश दिनकर उप संचालक अभियोजन, 2677405, 9425018382, 98263 34884<br />233 श्री राजेश रायकवार, जिला अभियोजन अधिकारी, 2677405, 94250 40826<br />234 श्री राय, सहा0 जिला अभि0 अधि0, 94250 80386<br />235 श्री मुकुल शर्मा, वरि0 जिला रोजगार अधि0, 2661344, 94799 10005<br />236 श्री के0एस0 मालवीय, रोजगार अधि0, 2661344, 2495902 , 94253 49512<br />237 श्री मोहन चतुर्वेदी, जी0एम0 डीआईसी, 2551015, 94069 55681<br />238 श्री बी0एल0 शर्मा, जिला ग्रामोधोग, 2738041, 98266 47576<br />239 श्री हरीश मिश्रा, सहा0संचालक हाथकरघा, 2576850, 2426731<br />240 सुश्री वंदना सक्सैना, खेल अधिकारी, 9407522054, 94253 65257<br />241 श्री भूपेन्द्र कर्रौलिया, एलडीएम, 2767674, 2423347, 90397 48445<br />242 श्रीकान्त पाण्डे, समन्वयक नेहरू युवा केन्द्र, 2661735, 2771384, 99934 19781<br />243 श्री प्रदीप देशमुख, नेहरू युवा केंन्द्र, 2661735<br />244 श्री तिवारी, आरएम वेयर हाउसिंग, 8272 28234<br />245 श्री आर0के0 श्रीवास्तव, डीएम नान, 2550273, 94250 12010<br />246 श्री अजय सिंह, डीएमओ, 2678431, 98934 42566<br />247 श्री आदित्य त्रिपाठी, बीसीएलएल, 98265 09320<br />248 श्री शेखावत बस आपरेटर, 94251 15987<br />249 श्री पुरी बस आपरेटर, 8270 03333<br />250 श्री वर्मा बस आपरेटर, 93031 32281<br />251 श्री जितेन्द्र तिवारी, सेडमेप, 2400092, 94253 00444<br />252 श्री चक्रवर्ती, उप संच0 एवं सचिव मण्डी, 2801677, 2745982, 94243 12198</b></span></div>
</div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-7989120584388087212011-07-06T22:48:00.001+05:302011-07-06T22:50:38.958+05:30सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता से वह एक लाइन हटवा दी है जिससे सिंधिया राजघराने के अंग्रेजों के मित्र होने का पता चलता है,<ul><li>खबर है कि मध्य प्रदेश सरकार ने अपने यहां पाठ्यपुस्तकों से सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता से वह एक लाइन हटवा दी है जिससे सिंधिया राजघराने के अंग्रेजों के मित्र होने का पता चलता है, जिससे पता चलता है कि सिंधिया राजघराने ने रानी लक्ष्मीबाई का नहीं बल्कि अंग्रेजों का साथ दिया था, जिससे पता चलता है कि सिंधिया राजघराने ने आजादी के आंदोलन के दिनों में गद्दारी की थी और गोरों का साथ दिया था.</li><li>आजादी के बाद इन्हीं सिंधियाओं ने चोला बदलकर कांग्रेस से लेकर भाजपा तक की टोपी पहन ली और सत्ता-सिस्टम के पार्ट बन गए.</li><li>चूंकि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है और भाजपा में ज्यादातर राजे-रजवाड़े-सामंत किस्म के लोग ही नेता, सांसद, मंत्री बनते हैं, सो लगता है कि सिंधिया राजघराने के नए नेताओं ने शिवराज सरकार को प्रभाव में लेकर अपनी बदनामी वाली कहानी को डिलीट करा दिया है. यहां कविता की वो लाइन बोल्ड में दी जा रही है जिसे पाठ्यपुस्तक से हटाया गया है...</li><li>रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार,<br />घोड़ा थक कर गिरा भूमि पर गया स्वर्ग तत्काल सिधार,<br />यमुना तट पर अंग्रेज़ों ने फिर खाई रानी से हार,<br />विजयी रानी आगे चल दी, किया ग्वालियर पर अधिकार।<br /><strong>अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी,<br /></strong>बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>तो मध्य प्रदेश के बच्चे सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता झांसी का रानी में इस लाइन ''<strong>अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी</strong>'' को नहीं पढ़ेंगे क्योंकि वहां की सरकार ने इसे हटवा दिया है. सोचिए, कितने नीच लोग हैं. अगर कविता पसंद नहीं है तो पूरा का पूरा हटा दो. या पसंद है तो पूरा का पूरा लगा लो. ये क्या कि उसमें छेड़छाड़ कर देंगे. यह घोर अपराध है और इसके लिए शिवराज सरकार की निंदा का जानी चाहिए. जनसत्ता को यह खबर छापने के लिए बधाई. अब आप सुभद्रा कुमारी चौहान लिखिति झांसी का रानी कविता का पूरा पाठ कीजिए... और सिंधियाओं के साथ साथ शिवराजों पर भी थू थू करिए...</li><li><strong>यशवंत</strong></li><li>एडिटर, भड़ास4मीडिया</li><li> <a href="mailto:yashwant@bhadas4media.com">yashwant@bhadas4media.com</a></li><li><hr /></li><li><h2 style="text-align: center;"><strong>झांसी की रानी </strong></h2></li><li><strong>-सुभद्राकुमारी चौहान-</strong></li><li>सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,<br />बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,<br />गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,<br />दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।</li><li>चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>कानपुर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी,<br />लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,<br />नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,<br />बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।</li><li>वीर शिवाजी की गाथायें उसको याद ज़बानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार,<br />देख मराठे पुलकित होते उसकी तलवारों के वार,<br />नकली युद्ध-व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार,<br />सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना ये थे उसके प्रिय खिलवाड़|</li><li>महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,<br />ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में,<br />राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाई झाँसी में,<br />सुघट बुंदेलों की विरुदावलि-सी वह आयी थी झांसी में,</li><li>चित्रा ने अर्जुन को पाया, शिव को मिली भवानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>उदित हुआ सौभाग्य, मुदित महलों में उजियाली छाई,<br />किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई,<br />तीर चलाने वाले कर में उसे चूड़ियाँ कब भाई,<br />रानी विधवा हुई, हाय! विधि को भी नहीं दया आई।</li><li>निसंतान मरे राजाजी रानी शोक-समानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>बुझा दीप झाँसी का तब डलहौज़ी मन में हरषाया,<br />राज्य हड़प करने का उसने यह अच्छा अवसर पाया,<br />फ़ौरन फौजें भेज दुर्ग पर अपना झंडा फहराया,<br />लावारिस का वारिस बनकर ब्रिटिश राज्य झाँसी आया।</li><li>अश्रुपूर्ण रानी ने देखा झाँसी हुई बिरानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>अनुनय विनय नहीं सुनती है, विकट शासकों की माया,<br />व्यापारी बन दया चाहता था जब यह भारत आया,<br />डलहौज़ी ने पैर पसारे, अब तो पलट गई काया,<br />राजाओं नव्वाबों को भी उसने पैरों ठुकराया।</li><li>रानी दासी बनी, बनी यह दासी अब महरानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>छिनी राजधानी दिल्ली की, लखनऊ छीना बातों-बात,<br />कैद पेशवा था बिठूर में, हुआ नागपुर का भी घात,<br />उदैपुर, तंजौर, सतारा,कर्नाटक की कौन बिसात?<br />जब कि सिंध, पंजाब ब्रह्म पर अभी हुआ था वज्र-निपात।</li><li>बंगाले, मद्रास आदि की भी तो वही कहानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>रानी रोयीं रनिवासों में, बेगम ग़म से थीं बेज़ार,<br />उनके गहने कपड़े बिकते थे कलकत्ते के बाज़ार,<br />सरे आम नीलाम छापते थे अंग्रेज़ों के अखबार,<br />'नागपुर के ज़ेवर ले लो लखनऊ के लो नौलख हार'।</li><li>यों परदे की इज़्ज़त परदेशी के हाथ बिकानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>कुटियों में भी विषम वेदना, महलों में आहत अपमान,<br />वीर सैनिकों के मन में था अपने पुरखों का अभिमान,<br />नाना धुंधूपंत पेशवा जुटा रहा था सब सामान,<br />बहिन छबीली ने रण-चण्डी का कर दिया प्रकट आहवान।</li><li>हुआ यज्ञ प्रारम्भ उन्हें तो सोई ज्योति जगानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी,<br />यह स्वतंत्रता की चिनगारी अंतरतम से आई थी,<br />झाँसी चेती, दिल्ली चेती, लखनऊ लपटें छाई थी,<br />मेरठ, कानपुर,पटना ने भारी धूम मचाई थी,</li><li>जबलपुर, कोल्हापुर में भी कुछ हलचल उकसानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>इस स्वतंत्रता महायज्ञ में कई वीरवर आए काम,<br />नाना धुंधूपंत, ताँतिया, चतुर अज़ीमुल्ला सरनाम,<br />अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कुँवरसिंह सैनिक अभिराम,<br />भारत के इतिहास गगन में अमर रहेंगे जिनके नाम।</li><li>लेकिन आज जुर्म कहलाती उनकी जो कुरबानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>इनकी गाथा छोड़, चले हम झाँसी के मैदानों में,<br />जहाँ खड़ी है लक्ष्मीबाई मर्द बनी मर्दानों में,<br />लेफ्टिनेंट वाकर आ पहुँचा, आगे बढ़ा जवानों में,<br />रानी ने तलवार खींच ली, हुया द्वंद असमानों में।</li><li>ज़ख्मी होकर वाकर भागा, उसे अजब हैरानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>रानी बढ़ी कालपी आई, कर सौ मील निरंतर पार,<br />घोड़ा थक कर गिरा भूमि पर गया स्वर्ग तत्काल सिधार,<br />यमुना तट पर अंग्रेज़ों ने फिर खाई रानी से हार,<br />विजयी रानी आगे चल दी, किया ग्वालियर पर अधिकार।</li><li><strong>अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी,<br /></strong>बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>विजय मिली, पर अंग्रेज़ों की फिर सेना घिर आई थी,<br />अबके जनरल स्मिथ सम्मुख था, उसने मुहँ की खाई थी,<br />काना और मंदरा सखियाँ रानी के संग आई थी,<br />युद्ध श्रेत्र में उन दोनों ने भारी मार मचाई थी।</li><li>पर पीछे ह्यूरोज़ आ गया, हाय! घिरी अब रानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>तो भी रानी मार काट कर चलती बनी सैन्य के पार,<br />किन्तु सामने नाला आया, था वह संकट विषम अपार,<br />घोड़ा अड़ा, नया घोड़ा था, इतने में आ गये सवार,<br />रानी एक, शत्रु बहुतेरे, होने लगे वार-पर-वार।</li><li>घायल होकर गिरी सिंहनी उसे वीर गति पानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>रानी गई सिधार चिता अब उसकी दिव्य सवारी थी,<br />मिला तेज से तेज, तेज की वह सच्ची अधिकारी थी,<br />अभी उम्र कुल तेइस की थी, मनुज नहीं अवतारी थी,<br />हमको जीवित करने आयी बन स्वतंत्रता-नारी थी,</li><li>दिखा गई पथ, सिखा गई हमको जो सीख सिखानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li>जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी,<br />यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी,<br />होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी,<br />हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी।</li><li>तेरा स्मारक तू ही होगी, तू खुद अमिट निशानी थी,<br />बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,<br />खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।</li><li style="text-align: right;">साभार-भड़ास4मीडिया<br /></li></ul>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-8204348955190513312011-07-06T22:25:00.000+05:302011-07-06T22:27:41.483+05:30मैंने ही कार बदल ली और खुद ही थाने में शिकायत कर दी...<div class="post-header"> </div> <div dir="ltr" style="text-align: left;"><ul style="text-align: left;"><li><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEggX4D_mxHdY5paF7_-j5R8HjXSsjqAMAU-uDs5M-6UcIrNQbJDqB4Gt9yuhxiEsMUjCiEwybFpTDtX2DwYjYOuztkbWLgDVpwUvioudhoNyo2iEK1fNn5lLAUrVk3NyvfACVwMC0VSZxc2/s1600/car+thief.jpg" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEggX4D_mxHdY5paF7_-j5R8HjXSsjqAMAU-uDs5M-6UcIrNQbJDqB4Gt9yuhxiEsMUjCiEwybFpTDtX2DwYjYOuztkbWLgDVpwUvioudhoNyo2iEK1fNn5lLAUrVk3NyvfACVwMC0VSZxc2/s320/car+thief.jpg" border="0" height="320" width="305" /></a></li><li><span style="font-size: small;"><b style="font-family: Georgia,"Times New Roman",serif;"><span style="font-family: Arial,Helvetica,sans-serif; font-size: large;">जिंदगी में कई बार ऐसे पल आते हैं जिनकी आप सपनों में भी उम्मीद नहीं करते हो। ऐसा ही कुछ मेरे साथ आज हुआ जिसे में शेयर किए बिना नहीं मान सकता-</span></b></span></li><li><span style="font-size: small;"> ...रोज की तरह आज भी ऑफिस का काम निपटा कर कवरेज पर निकल गया। करीब ढाई बजे नगर निगम के दफ्तर पहुंचा और वहां कमिश्नर से मुलाकात की। मोबाइल पर कॉल आने का सिलसिला बदस्तूर जारी था। करीब चार बजे नगर निगम के छह नंबर स्थित दफ्तर पहुंचा और अपनी 800 मारुति कार को दफ्तर के सामने ही पार्क कर बिल्डिंग के भीतर चला गया। वहां जिन अधिकारियों से मिलना था उनसे मिलकर नीचे उतरा। इस दौरान मेरी मोबाइल पर लगातार बात चल रही थी। मैंने कार के गेट में चाबी लगाई और सीधा दैनिक भास्कर दफ्तर के लिए रवाना हो गया।</span></li><li><span style="font-size: small;">डीबी मॉल के पास आकर सोचा कि क्यों न कांग्रेस कार्यालय और हो आऊं, क्योंकि वहां से दो स्टोरी कलेक्ट करना थी। यह सोचकर व्यापमं और मंत्रालय होता हुआ लिंक रोड एक स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंचा। वहां अपनी कार पार्क कर कार्यालय की दूसरी मंजिल पर चला गया। अब तक सब कुछ सामान्य था। कार्यालय में मैंने पूर्व प्रवक्ता जेपी धनोपिया और नवनियुक्त महामंत्री कटियार साहब से मुलाकात की। </span></li><li><span style="font-size: small;">करीब 15 मिनट की मुलाकात और मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान कर नीचे आ गया। </span></li><li><span style="font-size: small;"> जैसे ही कांग्रेस कार्यालय की सामने की पार्किंग में पहुंचा तो अपनी कार गायब देखकर हैरत में पड़ गया। चारों तरफ देख ली। हैरत तो इस बात की हो रही थी कि जिस जगह मैंने अपनी कार पार्क की थी वहां सफेद रंग की एक दूसरी 800 मारुति कार कैसे खड़ी। गौर से देखने पर समझ में आया कि यह कार तो मैंने ही पार्क की है। तब मुझे पता चला कि मैं अपनी बजाय किसी और की कार ले आया। हैरत तो इस बात पर भी हुई कि दूसरी कार में मेरी कार की चाबी कैसे लगी और यहां तक मैं कैसे उसको बिना पहचाने ले आया। जब कार को दोबारा खोला तो देखा कि वह 2003 की कार है और बेहद कंडम स्थिति में है। फिर मुझे लगा कि शायद किसी ने मेरी कार चुरा ली है और उसकी जगह यह पुरानी कार खड़ी कर गया। यह विचार आते ही मैंने क्षेत्रीय सीएसपी राजेश भदौरिया को कॉल कर पूरी स्थिति से अवगत कराया। पूरी बात अपने छोटे भाई ओमवीर को भी बताई और मेरे मित्र राजू मीणा को भी बताई। तो दोनों तत्काल मौके पर पहुंच गए। काफी सोच विचार करने के बाद हम लोग छह नंंबर पहुंचे तो वहां अपनी कार को खड़े पाया तब समझ में आया कि मैं ही दूसरी कार उठा लाया था। तब मैंने फिर से स्थिति से सीएसपी भदौरिया को अवगत कराया, क्योंकि अब समस्या यह थी कि कहीं असली मालिक थाने में एफआईआर न करा दे। ऐसा विचार आते ही हम लोगों ने कार में मालिक के नंबर ढूंढना शुरू किए। नंबर तो नहीं मिला, लेकिन एक शादी का कार्ड और इंश्योरेंस पॉलिसी मिल गई जिसमें कार मालिक का नाम लिखा था। यहां पत्रकारों वाला दिमाग काम आया और मैंने कार्ड के ऑनर को कॉल कर कार मालिक का नाम बताकर उनका नंबर ले लिया। नंबर मिलते ही कॉल किया तो कार मालिक श्रीमान सीएन सक्सेना साहब हबीबगंज थाने में एफआईआर कराने के लिए बैठे थे। और ज्यादा आश्चर्य तब हुआ जब उनके साथ भास्कर के ही वरिष्ठ पत्रकार श्री अलीम बज्मी साहब भी बैठे थे। मैंने उनसे बात कर सारी स्थिति से अवगत कराया और छोटे भाई को उन्हें लेने के लिए थाने भेजा। करीब दो घंटे तक चली धमा-चौकड़ी को आखिरकार विराम मिला और कार अपने असली मालिक के पास पहुंच गई। </span></li><li><span style="font-size: small;"> ...और यह सब हुआ माननीय मोबाइल महोदय के कारण जिनपर बात करते-करते अपनी बजाय दूसरी कार उठा ली थी।</span></li><li style="text-align: right;"><span style="font-size: small;">भीम सिंह मीणा, रिपोर्टर दैनिक भास्कर</span></li></ul></div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-57738958716026804242011-05-12T20:06:00.000+05:302011-05-14T01:53:30.350+05:30शुक्रवार से अखबारों की समीक्षाशुक्रवार से आई4मीडिया पर देश की राजधानी दिल्ली के साथ मप्र की राजधानी भोपाल के अखबारों की समीक्षा प्रकाशित की जाएगी। इसके साथ ही पॉजीटिव और बेहतर खबरों की फोटो भी प्रकाशित की जाएगी। ताकि देश भर के पत्रकार इन खबरों को देख सकें। इसके लिए हम सभी अखबारों से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।<br />संचालक-आई4मीडियाUnknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-34669197098846466312011-05-12T19:52:00.000+05:302011-05-14T01:53:30.537+05:30"कलयुग' का कल्कि अवतार<span style="font-weight: bold;">टैगोर ने सदी पहले कह दिया था कि कलियुग नहीं, 'कलयुग आ रहा है जिसका कल्कि अवतार घोड़े की बजाय कल</span><span style="font-weight: bold;"> (यानी मशीनों) पर सवारी करते हुए आसमान से उतरेगा। सचमुच, उपग्रह से वायु तरंगों पर सवार होकर कलयुगी मल्टी मीडिया अवतरित हुआ है।</span><br /><span style="font-size:130%;"><span style="font-weight: bold; color: rgb(255, 0, 0);">मृणाल पाण्डे,</span> <span style="font-weight: bold;">लेखिका जानी-मानी साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार हैं।</span></span><br /><br /><span style="font-size:180%;"><span style="font-weight: bold;">दाग अच्छे नहीं होते</span></span><br />असत्यापित टेपों ने बहस का ऐसा मुद्दा बना दिया कि अन्ना आंदोलन का असली मुद्दा पीछे रह गया। साबुन के विज्ञापन झूठ कहते हैं। दाग अच्छे नहीं होते। बेबुनियाद दाग तो कभी नहीं। युग इतनी तेजी से बदल रहा है कि मीडिया के संदर्भ में बदलाव शब्द अपने पुराने मायने खो चला है। पिछली सदी के पहले साठ बरसों में खबरिया जगत में प्रिंट मीडिया की भव्य बादशाहत कायम रही। फिर ट्रांसमीटरों और फिर जमीनी केबलों से घरों तक खबरें और मनोरंजन परोसने वाला टीवी सैटेलाइट से जुड़कर मीडिया का नया आकाशोन्मुखी नेता बन गया। न बे के दशक में इराकी हमले के दौरान अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन ने हजारों मील दूर अटलांटा से इराक युद्ध का चमत्कारी लाइव कवरेज दुनिया भर तक बीम करते हुए जिस नई ग्लोबल सूचना संचार व्यवस्था का ध्वजारोहण कराया, उसकी मदद से लोग दिन या रात को जब जी चाहे 24 & 7 छोटे पर्दे पर ताजातरीन खबरों का पीछा कर सकते थे। पेंटागन के निर्देश में सुदूर इराक पर सफलतापूर्वक दागी जा रही पेंटागन की मिसाइलों की छवियों ने अमेरिका से एशिया तक प्रिंट मीडिया का एकछत्र वर्चस्व खत्म कराया और बीबीसी सरीखे धाकड़ प िलक ब्रॉडकास्टर तक को खमठोंक चुनौती दे दी। भारत में जब उपग्रह से दुनियाभर की ताजा खबरें चौबीसों घंटे हवा के घोड़े पर सवार हो आने लगीं तो रात को छपकर सुबह बंटने वाले अखबारों से हमारे ग्राहकों को भी बासी गंध आने लगी। केबल युग की धमाकेदार शुरुआत के बाद तेजी से खबरिया टीवी के लोकप्रिय भाषायी संस्करण बन गए। बीस सालों से भी कम समय में केबल टीवी ने मीडिया की हर विधा में खबरों की भाषा, चित्रों की प्रस्तुति, खबरों का तर्जे बयां और उन पर बहस के तरीके बदल दिए और खबरों के संकलन से लेकर उन पर सार्वजनिक बहस के मंचों तक जनभागीदारी बढ़ाई। टैगोर ने सदी पहले कह दिया था कि कलियुग नहीं, एक कलयुग आ रहा है, जिसका कल्कि अवतार घोड़े की बजाय कल (यानी मशीनों) पर सवारी करते हुए आसमान से उतरेगा। सचमुच, उपग्रह से वायु तरंगों पर सवार होकर नया कलयुगी मल्टीमीडिया खबरों की दुनिया में जब से अवतरित हुआ है, उसने टीवी के साम्राज्य पर वैसा ही हल्ला बोल दिया है, जैसा कभी युवा टीवी ने बुढ़ाते प्रिंट मीडिया पर बोला था। युवा पीढ़ी नवीन मल्टीमीडिया टीवी का असली हरावल दस्ता है। ऊर्जामय और निरंतर हलचलभरी जिंदगी के प्रेमी शहरी युवाओं को लंबे-चौड़े अखबार जितना उबाते हैं, उतना ही चटपटी छोटी खबरों को कहीं भी, कभी भी पकड़ सकने वाले लैपटॉप, आईपैड और थ्रीजी मोबाइल के मल्टीपरपज मॉडल उनको मोहते हैं। वे कमरे में सोफे पर बैठे-बैठे टीवी भी यों देखें? उन्नत, सस्ते और यूजर फ्रेंडली लैपटॉप और थ्रीजी मोबाइल बातून युवा बहुल एशिया को ज्यों ही उपल ध हुए, वे टीवी या अखबारों को हमारे यहां भी वैसे ही अप्रासंगिक बना देंगे, जैसा मोबाइल ने फोन की लैंडलाइनों को बना डाला है। फेसबुक और ट्विटर सरीखी सोशल नेटवर्किंग साइट्स नेट पर उतरते ही दुनियाभर के युवाओं को आपस में जोड़ चुकी हैं और इस सोशल मीडिया के मार्फत युवा पीढ़ी ने मनोरंजन व खबरों की दुनिया के साथ अपना एक सीधा नया रिश्ता बना लिया है। अब उनकी खुद की भूमिका खबरों के निष्क्रिय पाठक या दर्शक या श्रोता के बजाय उनमें एक सक्रिय आक्रामक भागीदार की है। आज फेसबुक के करोड़ों सदस्य हैं और इसका दूसरा बिरादर ट्विटर भी उतना ही लोकप्रिय है, क्योंकि वह शाहरुख से शशि थरूर तक हर अभिनेता या नेता, मंत्री या संतरी को आपस में तुरंत जानकारी साझी करने और संक्षिह्रश्वत निजी राय प्रसारित करने का मौका दे रहा है। इस नई तरह की लोकतांत्रिकता का असर है कि साल के शुरुआती तीन महीनों में ही (ट्विटर पर) चीन से शुरू लोकतंत्र समर्थक 'चमेली क्रांतिÓ (जैस्मीन रिवोल्यूशन) की सुगंध ने चंद दिनों में पूरे मध्य एशिया में फैलकर वहां दशकों से स ाा पर काबिज होस्नी मुबारक और गद्दाफी सरीखे ताकतवर तानाशाहों का इंद्रासन भी हिला दिया। इसके असर का ताजा सबूत ओसामा के घर पर किए गए हमले और उसकी हत्या की सचित्र खबरें फेसबुक पर फटाफट दिखाना है, जिसने प्रिंट-टीवी के अनुभवी व खुर्राट मुगलों को एक और पटखनी दे दी है।<br />न्यूयॉर्क टाइ स के अनुसार ओसामा की मौत की पुष्टि होते ही सभी बड़े अमेरिकी अखबारों और टीवी चैनलों को सरकारी ब्रीफिंग दे दी गई थी। पर उन सभी ने राष्ट्रपति ओबामा द्वारा खबर के औपचारिक (राष्ट्र के नाम संदेश के तहत) प्रसारण के बाद ही इसे देने के सरकारी अनुरोध का मान रखा। सोशल मीडिया निकला बेलगाम कल्कि अवतार। सिर्फ कयास के आधार पर रात 10:45 पर एबटाबाद के एक व्यक्ति ने अमेरिकी हमले और ओसामा के मारे जाने की खबर फेसबुक पर डाल दी। ओबामा द्वारा विधिवत घोषणा से दो घंटे पहले ही यह खबर दुनिया<br />भर में पहुंच चुकी थी और करोड़ों मोबाइल घनघनाने लगे थे। ट्विटर पर भी यह टीवी के लाइव प्रसारण से 20 मिनट पहले आ चुकी थी। खबर जगत को नौसिखिये और अ सर सीमित मानसिक क्षितिज वाले स्वयंभू संवाददाताओं की बढ़ती क्षमता और संगीन जटिल मामलों की सनसनीखेज और गैरजि मेदाराना रिपोर्टिंग से सावधान रहने की भी जरूरत है। मल्टीमीडिया लोकतंत्र की रक्षा के लिए तलवार जरूर है, पर अनुभवहीन मूर्खों या चतुर तानाशाहों और गलत सूचनाएं देने के खेल में माहिर आतंकी धड़ों के हाथों में यह बंदर के हाथ का उस्तरा भी<br />बन सकता है। मल्टीमीडिया का विकास इतनी तेजी से हुआ है कि अब तक साइबर कानूनों के विशेषज्ञ भी सोशल मीडिया की वे स्वस्थ सीमाएं और नियम नहीं तय कर सके हैं, जो पारंपरिक मीडिया को लक्ष्मण रेखा<br />के भीतर रखते हैं। पु ता सबूत के बिना, अदालती कार्यवाही पूरी होने से पहले कई बार किसी इज्जतदार व्यक्ति का पक्ष सुने बिना ही उसको नया मीडिया अभियु त करार दे देता है। हर किसी को लोकतंत्र में सुने जाने का हक है, जरूर है, पर दूसरे के इस हक का छिछोरेपन से किया गया उल्लंघन उनको अपूरणीय क्षति भी पहुंचा सकता है। इसका शर्मनाक उदाहरण हमने अभी अन्ना के साथियों के बारे में अचानक अनजान स्रोतों से जारी कर दिए गए उन असत्यापित टेपों के असर में देखा है, जिनको बहस का ऐसा मुद्दा बना दिया गया कि आंदोलन का असली<br />मुद्दा पीछे रह गया। साबुन के विज्ञापन झूठ कहते हैं। दाग अच्छे नहीं होते। बेबुनियाद दाग तो कभी नहीं।<br /><div style="text-align: right;"><span style="font-size:85%;"><span style="font-weight: bold; color: rgb(255, 0, 0);">sabhar_dainik bhaskar</span></span><br /></div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-89264930637545425792011-05-11T14:54:00.000+05:302011-05-11T14:56:41.853+05:30एक में से पांच युवतियां निकली और बन गया गूगलयूं आप ढूंढने जाओगे कि गूगल के बिना कोई इंटरनेट सर्फिंग कर ले तो आप शायद ही कोई मिले। वैसे भी अब गूगल को लोग गूगल गुरू कहने लगे हैं। फिर भी मैं आज गूगल गुरू को देखने की सिफारिश आपसे कर रहा हूं। क्योंकि जब हम गूगल डॉट को डॉट इन पर जाएंगे तो गूगल रोज की तरह दिखाई नहीं देता। हमेशा जबरदस्त प्रयोग करने वाला गूगल आज खास लेकर आया है। जिस अंदाज में गूगल ने महिलाओं के कैरीकेचर द्वारा नृत्य करवाकर गूगल लिखवाया है वह अदुभत है। गूगल लिखने के लिए अंग्रेजी के जी.ओ.ओ.एल.ई. वर्ड का प्रयोग किया जाता है। इनमें से सबसे पहले बनता है ई। ई बनाने के लिए जिस कैरीकेचर का प्रयोग किया है वह शुरू में अफगानिस्तान की महिला की तरह लगता है। यह महिला मिस्त्र की तरह नृत्य करती है। इसके बाद इसी महिला में से एक साया निकलता है और एक सुंदर मूर्ति के रूप में खड़ा हो जाता है और बन गया एल.। इसी मूर्ति में से एक और साया निकलता है जो योग करती हुई महिला के रूप में जी. बन जाता है। जी. से निकलकर एक सुंदर से महिला हवा में गोता लगाते हुए दो ओ. बनाती है और हवा में ही अटक जाती है। इसी महिला में से एक और महिला निकलती है जो गूगल का जी. बनाती है। और ऐसे पूरा होता है आज गूगल।Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-47203761918011694142011-05-08T23:05:00.000+05:302011-05-08T23:07:22.772+05:30पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे कलाम के हाथो ‘भोजपुरी सिनेमा के पचास साल किताब’ का विमोचन<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhhUOrantHGeSGjNRz-qF_7-vRMh3HavcJwrGYa0bJwaIGUR_RMhaijngj_15a2F4DCil5YcDRTd3rxlXtB-3pWwliNa-rlBj3hjlymwEJdyChDg_4z1MMRLMOa7ENcLI7mrnsh2MfpI0Y/s1600/Kalam+sahab.JPG" onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 320px; height: 226px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhhUOrantHGeSGjNRz-qF_7-vRMh3HavcJwrGYa0bJwaIGUR_RMhaijngj_15a2F4DCil5YcDRTd3rxlXtB-3pWwliNa-rlBj3hjlymwEJdyChDg_4z1MMRLMOa7ENcLI7mrnsh2MfpI0Y/s320/Kalam+sahab.JPG" border="0" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5604400601977861794" /></a><span class="Apple-style-span" style="border-collapse: collapse; font-family: arial, sans-serif; font-size: medium; "><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">नई दिल्ली</span><span >,<span> </span>'</span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">भोजपुरी सिनेमा का पचास साल : २५ चर्चित फिल्में</span><span >' </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">लेखक कुलदीप श्रीवास्तव की पुस्तक का विमोचन<span> </span>पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने हिंदी भवन के सभागार में किया. </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal; ">इस अवसर पर कार्टून वाटच के त्रिंबक शर्मा और हरिभूमि समाचार के संपादक हिमांसु द्विवेदी भी मौजूद थे.</span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal; "> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">यह पुस्तक भोजपुरी सिनेमा के पचास साल के सफ़रनामा </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal; ">पर</span><span lang="AR-SA" style="font-family: Arial; "></span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">प्रकाश डालती है. </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal; ">कुलदीप श्रीवास्तव मूलत: बिहार सिवान के रहने वाले है</span><span style="font-family: Arial; ">, </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal; ">जो पिछले कई सालो से भोजपुरी फिल्मो पर लिखते आ रहे है.</span><span lang="AR-SA" style="font-family: Arial; "> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">इसमें १९३१-३२ में कुछ हिंदी फिल्मो में भोजपुरी गानों की शुरुआत</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">१९४८ में दीलिप कुमार की </span><span >'</span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">नदिया के पार</span><span >' </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">में ८ गाने थे और सभी गाने भोजपुरी </span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal; ">भाषा</span><span lang="AR-SA" style="font-family: Mangal; "> </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">में थी</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">जिसकी जिक्र<span> </span>इस पुस्तक में मिलती है</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">साथ ही १९६१ में जब पहिली भोजपुरी फिल्म </span><span >'</span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">गंगा मइया तोहे पियरी<span> </span>चढ़इबो</span><span >', </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">तथा लागी नहीं छूटे राम</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">धरती मइया</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">बिदेसिया</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">बालम परदेसिया</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">दगाबाज़ बलमा सहित कुल २५ चर्चित फिल्मो के बारे में जिसने भोजपुरी सिनेमा के ५० साल के इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. इस किताब ने भोजपुरी सिनेमा के असली रूप को समेटा है</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">और अब तक चली आ रही यह धारणा कि भोजपुरी फिल्मों में केवल अश्लीलता ही रहती है को झूठा साबित करती है. लेखक ने अपनी पुस्तक में बताया है कि जब भोजपुरी फिल्मे बनने लगी</span><span >, </span><span lang="HI" style="font-family: Mangal; ">शुरू से ही सभी फिल्मों में समाज के लिए कुछ न कुछ सन्देश होती थी.</span></span><div><span class="Apple-style-span" style="border-collapse: collapse; font-family: arial, sans-serif; font-size: medium; "><span lang="HI" style="font-family: Mangal; "><span class="Apple-style-span" style="font-family: arial, sans-serif; font-size: 13px; ">kuldeep Kumar<br />Editor<br /><a href="http://www.mediaclubofindia.com/" target="_blank" style="color: rgb(51, 102, 51); ">www.mediaclubofindia.com</a><br /><a href="http://www.purvanchalexpress.com/" target="_blank" style="color: rgb(51, 102, 51); ">www.purvanchalexpress.com</a></span></span></span></div><div><span class="Apple-style-span" style="border-collapse: collapse; font-family: arial, sans-serif; font-size: medium; "><span lang="HI" style="font-family: Mangal; "><span class="Apple-style-span" style="font-family: arial, sans-serif; font-size: 13px; "><a href="http://www.purvanchalexpress.com/" target="_blank" style="color: rgb(51, 102, 51); "></a><br />BHOJPURI SANSAR PATRIKA - DELHI<br />23/116, Veer Sarvarkar Block<br />(Near Janta Book Depo), Main Vikash Marg, Shakarpur, Delhi - 110092<br />Mobile no. 9891414433<br />Phone: 011-43022731, 42444321</span></span></span></div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-20337743270840971312011-05-04T21:03:00.000+05:302011-05-04T21:05:58.572+05:30हसो और हँसाओ<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiw78UJhH9P5RL1m5QRHQSwoDcrxnDdoWgeBIycF1sMk0jZJ3BpUdz6OUMEwx0HZgYr7ywTP1Hx5SHbUoGM7Gb-mNbJEHyRN6JkG68aiDl9WQb-CaptpQTFyiF5_luGPyGs4rbxfolaF50/s1600/smiley-face.jpg"><img style="margin: 0px auto 10px; display: block; text-align: center; cursor: pointer; width: 400px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiw78UJhH9P5RL1m5QRHQSwoDcrxnDdoWgeBIycF1sMk0jZJ3BpUdz6OUMEwx0HZgYr7ywTP1Hx5SHbUoGM7Gb-mNbJEHyRN6JkG68aiDl9WQb-CaptpQTFyiF5_luGPyGs4rbxfolaF50/s400/smiley-face.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602884880868387042" border="0" /></a><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgEjZsPXuEbcRLTgch14PQFvExu5fQyl6Tj8k9p-RmWp_KcM_UBX8EVSoQ5lU8W8DpUhyClinb1KYg5cchz5ucUg4HZt9JZczGDiJDzOBtiqQdOWnHxfKiU-jRW2pnizSmYpE3aFh78bCg/s1600/Smiley_Face.gif"><img style="margin: 0px auto 10px; display: block; text-align: center; cursor: pointer; width: 398px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgEjZsPXuEbcRLTgch14PQFvExu5fQyl6Tj8k9p-RmWp_KcM_UBX8EVSoQ5lU8W8DpUhyClinb1KYg5cchz5ucUg4HZt9JZczGDiJDzOBtiqQdOWnHxfKiU-jRW2pnizSmYpE3aFh78bCg/s400/Smiley_Face.gif" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602884880074305506" border="0" /></a><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhy4ZnVYwifDvY9UWXw6NRPo4xhcXoyl9VoGEnqQYt7F7qycfmBW4wgt_hh8sJJXTKCg9WsUeNJjSmNo53FfedtpHk9iribmE9Jz0cz1Wa6wBSU_qADe8JCJV1lUVBXs6FnwzAsdqncV_c/s1600/Smiley+Face.jpg"><img style="margin: 0px auto 10px; display: block; text-align: center; cursor: pointer; width: 400px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhy4ZnVYwifDvY9UWXw6NRPo4xhcXoyl9VoGEnqQYt7F7qycfmBW4wgt_hh8sJJXTKCg9WsUeNJjSmNo53FfedtpHk9iribmE9Jz0cz1Wa6wBSU_qADe8JCJV1lUVBXs6FnwzAsdqncV_c/s400/Smiley+Face.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602884875024868850" border="0" /></a><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgm4t8_3sBAMA-V0Fxwj5tVd94gLN8RV_DVzuZ3ryUefn_7dTMYSguXlYh6bb2GzWRO58_qhWeVBh82m3WGdbTk3A1J0W2w1oXoHUUr_G885iecAuJrQozPQ6IoJT1_LUIm7AbFEAov9NI/s1600/laughing20smiley1.gif"><img style="margin: 0px auto 10px; display: block; text-align: center; cursor: pointer; width: 381px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgm4t8_3sBAMA-V0Fxwj5tVd94gLN8RV_DVzuZ3ryUefn_7dTMYSguXlYh6bb2GzWRO58_qhWeVBh82m3WGdbTk3A1J0W2w1oXoHUUr_G885iecAuJrQozPQ6IoJT1_LUIm7AbFEAov9NI/s400/laughing20smiley1.gif" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602884873800742706" border="0" /></a><br /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjGuNbr6mvfUcBIgOctdXDVJDn6yJb7KyO95kJFoRVcmSMHkIodZCqk5yFcu-itM1QuR7Cr14V2Pfp9KjxTB5PhQ-OT71_oceYFOBVG6Cg-LkNErNb9XNL7NujHxQXiIpbhrsjyJVl7UKA/s1600/245744537_9b2401b807.jpg"><img style="margin: 0px auto 10px; display: block; text-align: center; cursor: pointer; width: 400px; height: 266px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjGuNbr6mvfUcBIgOctdXDVJDn6yJb7KyO95kJFoRVcmSMHkIodZCqk5yFcu-itM1QuR7Cr14V2Pfp9KjxTB5PhQ-OT71_oceYFOBVG6Cg-LkNErNb9XNL7NujHxQXiIpbhrsjyJVl7UKA/s400/245744537_9b2401b807.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602884869210112274" border="0" /></a>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-11884859348034072492011-05-02T21:08:00.001+05:302011-05-02T21:13:32.108+05:30सम ओल्ड और न्यू मूवमेंट<div style="text-align: center;"><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhY7eFB6MpXB9tdFMOXgreXAE-rGr6semwMJMKAxyETb58vPycsI3aoKKtk1OxsZygrqxKmoe7t9HkG92Lo6TWw9BwjtlXBwUFayGrks8kuxFwZVkyV5yP5thiXd81CFm-BSIYeH4TDWtY/s1600/113274298.jpg"><blockquote><img style="margin: 0pt 10px 10px 0pt; float: left; cursor: pointer; width: 329px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhY7eFB6MpXB9tdFMOXgreXAE-rGr6semwMJMKAxyETb58vPycsI3aoKKtk1OxsZygrqxKmoe7t9HkG92Lo6TWw9BwjtlXBwUFayGrks8kuxFwZVkyV5yP5thiXd81CFm-BSIYeH4TDWtY/s400/113274298.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602144093358630850" border="0" /></blockquote></a><br /></div><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiSDBxU0jLC_JiLler11h3Ef_Wl4ME0Bz-3-YKxIKozlXq29wz5CfEkKVVs7sUnG2feIx2B3Igaq2wzi91ANbjNfCTkirywNC1FQrp59GZLqwrNV1UupLEsMddn4fXlgyswl17J_m38iOM/s1600/06G10PJ3548.jpg"><blockquote><img style="margin: 0pt 10px 10px 0pt; float: left; cursor: pointer; width: 222px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiSDBxU0jLC_JiLler11h3Ef_Wl4ME0Bz-3-YKxIKozlXq29wz5CfEkKVVs7sUnG2feIx2B3Igaq2wzi91ANbjNfCTkirywNC1FQrp59GZLqwrNV1UupLEsMddn4fXlgyswl17J_m38iOM/s400/06G10PJ3548.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602144088825392274" border="0" /></blockquote></a><br /><div style="text-align: right;"><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEge7EmwlfnPSRbljWeA4Wwvel18ipXqcTxJ0Plm1PXdN5dAkzy_2uPRXOfXNQF0u7syS6XCbdbu_Ti18hl11wK82rSYK92k90nk5YrHQMt9TIB_o6nt1lzvy0I_TN2hFNgq3Nk6ctAQDLY/s1600/Front.jpg"><blockquote><img style="margin: 0pt 10px 10px 0pt; float: left; cursor: pointer; width: 399px; height: 400px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEge7EmwlfnPSRbljWeA4Wwvel18ipXqcTxJ0Plm1PXdN5dAkzy_2uPRXOfXNQF0u7syS6XCbdbu_Ti18hl11wK82rSYK92k90nk5YrHQMt9TIB_o6nt1lzvy0I_TN2hFNgq3Nk6ctAQDLY/s400/Front.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5602144087502137714" border="0" /></blockquote></a><br /></div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-25433023991783847162011-04-20T19:20:00.001+05:302011-04-20T19:25:19.184+05:30इस पोस्ट को तो लेना ही होगा<div>समाचार4मीडिया।कॉम पर एक पोस्ट आई जिसमे स्कूल लेवल पर मीडिया पाठ्यक्रम लागु करने की बात की गई। मैं इसे अपने ब्लॉग पर डाल रहा हूँ ताकि इसके लिए मैं भई प्रयास कर सकूँ।<br />भीम सिंह मीणा<br /><span style="font-weight: bold;">कितना</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">बहता</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">होगा</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">स्कूली</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">पाठ्यक्रम</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">में</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मीडिया</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">को</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">शामिल</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">करना</span><br /></div> <div>केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सीबीएसई) देश भर के स्कूलों में नए सत्र से मीडिया स्टडीज को 11 वीं और 12 वीं क्लास के छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रहा है। छात्र वैकल्पिक विषय के रूप में मीडिया स्टडीज को चुन सकते हैं। इस कोर्स को पांच भागों में बांटा गया है। जिसमें मीडिया कम्यूनिकेशन, अंडरस्टैंड टू मास कम्यूनिकेशन, एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन, फोक मीडिया और मीडिया रोल इन ग्लोबलाइजेशन शामिल हैं। एनसीईआरटी ने इस कोर्स को तैयार करने के लिए एक टीम का गठन किया है और इसके साथ ही इसे और बेहतर बनाने के लिए एनसीईआरटी ने विशेषज्ञों के सहयोग से देश भर के स्कूलों में पांच महीने तक फीड बैक लिया है। इसके पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर कई तरह से सवाल मीडिया इंडस्ट्री के सामने उभर कर आ रहे हैं। क्या इस कोर्स के माध्यम से वो स्किल विकसित हो सकेंगी जो मीडिया प्रोफेशन में चाहिए। क्या इसी उम्र में बच्चों को व्यावसायिक कोर्स में शामिल करना उचित है। सीबीएसई का कहना है कि हमारा उद्देश्य ग्लोबलाइजेशन के दौर में स्कूल से ही बच्चों के अंदर बेहतर कम्युनिकेशन स्किल विकसित की जाए और बच्चों में मीडिया की समझ बढ़ाई जाए। इस बारे में समाचार4मीडिया के संवाददाता <b>आरिफ खान मंसूरी</b> ने कुछ विश्वविधालयों के जनसंचार और कम्यूनिकेशन के प्रोफेसरों से बात करके उनकी राय जानी। इस कदम को लेकर कुछ प्रोफेसर इसका स्वागत कर रहे हैं तो कुछ का कहना है कि इसे स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने का कोई औचित्य नजर नहीं आता।</div> <div> </div> <div><strong><span style="color: rgb(0, 0, 255);"><span style="font-size: small;">पक्ष-</span></span></strong></div> <div> </div> <div><span style="color: rgb(128, 0, 0);"><b>वर्तिक नंदा</b><b>, </b><b>जनसंचार विभागाध्यक्ष</b><b>, </b><b>लेडी श्रीराम कॉलेज</b><b>, </b><b>दिल्ली विश्वविधालय-</b></span> सीबीएसई और एनसीईआरटी की यह पहल आज के दौर में बेहद महत्वपूर्ण है। इससे छात्रों को नई चुनौती मिलेगी क्यों कि अभी तक यह कोर्स सिर्फ कॉलेज लेवल तक ही<img alt="" src="http://samachar4media.com/sites/images/vartika%20new_3.jpg" align="right" vspace="7" hspace="5" /> उपलब्ध था लेकिन अब यह स्कूल लेवल पर पहुंच गया है। मीडिया स्टडीज के सीबीएसई बोर्ड में शामिल होने से पत्रकारिता में गंभीरता के साथ रिसर्च वर्क भी प्रारम्भ होगा।</div> <div> </div> <div>मुझे कोर्स तैयार करने वाली कमेटी में भी रखा गया है और इस कोर्स को तैयार करने वाली कमेटी ने कोर्स के पाठ्यक्रम को बड़ी गंभीरता और सोंच-विचार के साथ तैयार किया है। जिससे जो छात्र इस क्षेत्र में आएंगे उनमें कुछ क्वालिटी जरूर होगी और वे अपनी दिशा तय भी कर चुके होंगे कि उन्हें इस क्षेत्र में आना भी है या नहीं। मैं इसका बहुत दूरगामी असर देख रही हूं साथ ही इससे मीडिया को मजबूती भी मिलेगी।</div> <div> </div> <div><span style="color: rgb(128, 0, 0);"><b>संजय द्विवेदी</b><b>, </b><b>अध्यक्ष</b><b>, </b><b>जनसंचार विभाग</b><b>, </b><b>माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वाविधालय</b><b>, </b><b>भोपाल-</b> <img alt="" src="http://samachar4media.com/sites/images/sanjay-diwedi_0.gif" align="right" vspace="7" hspace="5" /></span>मेरा मानना है कि सरकार नें यह बहुत ही अच्छा कदम उठाया है। आमतौर पर देखा जाए तो बच्चों में संवाद की कमी देखी जाती है। इस पहल के जरिए बच्चों में कम्यूनिकेशन स्किल को बढ़ावा मिलेगा। जिस तरह से नैतिक शिक्षा की जरुरत होती है उसी तरह कम्यूनिकेशन शिक्षा की जरुरत है। इस पाठ्यक्रम के बारे में मेरा यही कहना है कि इसे सैद्धांतिक रूप से पढ़ाया जाना चाहिए। फोक मीडिया को भी पाठ्यक्रम में शामिल करके बहुत अच्छा काम किया गया है। इससे पश्चिमी सभ्यता की चल रही बयार में भारतीय संस्कृति को जानने और समझने का बच्चों को मौका मिलेगा। और इससे भारतीय संस्कृति भी बढ़ेगी।</div> <div> </div> <div><span style="color: rgb(128, 0, 0);"><b>डॉ. शाहिद अली</b><b>, </b><b>अध्यक्ष और रिडर</b><b>, </b><b>जनसंचार और मास विभाग</b><b>, </b><b>कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता और जनसंचार<img alt="" src="http://samachar4media.com/sites/images/shahid-ali.gif" align="right" vspace="7" hspace="5" /> विश्वविधालय रायपुर-</b></span> सीबीएसई और एनसीईआरटी की इस शुरुआत का मैं स्वागत करता हूं। इसका असर अच्छा पड़ेगा। पहले पत्रकारिता की पढ़ाई ग्रेजुएशन के बाद होती थी। लेकिन कुछ विश्वविधालयों ने स्नातक लेवल पर जब इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की तो इसको अच्छा रिस्पांस मिला। और मुझे लगता है कि इस पाठ्यक्रम को भी पसंद किया जाएगा। पाठ्यक्रम में 60 फीसदी सैद्धांतिक और 40 फीसदी व्याहारिक ज्ञान पर जोर होना चाहिए। जैसा आपने फोक मीडिया के बारे में पूछा तो मेरा तो यही कहना है कि फोक मीडिया के जरिए पत्रकारिता में सुधार होगा और समाज को एक ताकत मिलेगी। इससे संवाद को भी बढ़ावा मिलेगा और और सामाजिक मूल्यों के साथ मीडिया को भी फायदा होगा।</div> <div> </div> <div><span style="color: rgb(128, 0, 0);"><b>रमा शर्मा</b><b>, </b><b>अध्यक्ष</b><b>, </b><b>पत्रकारिता विभाग</b><b>, </b><b>हंसराज कॉलेज (दिल्ली विश्वविधालय)-</b></span> इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने के बाद लोगों की मीडिया की मडिया में जागरुकता बढ़ जाएगी। मैं सोचती हूं कि 11 और 12 क्लास का बच्चा इतना परिपक्व हो जाता है कि वो तय कर सकता है कि उसे किस लाइन में अपना कॅरियर बनाना है। जिनको मीडिया में कॅरियर बनाना है उनके लिए तो अच्छी बात है ही और जिनको मीडिया में अपना कॅरियर भी नहीं बनाना उनके लिए भी अच्छी बात हैं क्योंकि उन्हें इसके जरिए मीडिया की बेसिक नॉलेज हो जाएगी। कोर्स के प्रारूप की बात करें तो यह इस पर आधारित है कि इस कोर्स को कौन विकसित कर रहा है। पाठ्यक्रम बनाने वाली टीम में स्कूल या कॉलेज से जुड़े हुए लोग है या नहीं। क्योंकि बच्चों को पढ़ाना और कॉलेज में पढ़ाने मे फर्क है। इस टीम में स्कूल से जुड़े हुए लोग शामिल होने चाहिए। मुझे लगता है इस पाठ्यक्रम में सैद्वांतिक से ज्यादा व्यावहारिक ज्ञान पर ज्यादा जोर होना चाहिए। </div> <div> </div> <div><span style="font-size: larger;"><span style="color: rgb(0, 0, 255);"><b>विपक्ष</b></span></span></div> <div><span style="color: rgb(128, 0, 0);"><b>मुकुल श्रीवास्तव</b><b>, </b><b>अध्यक्ष</b><b>, </b><b>जनसंचार विभाग</b><b>, </b><b>लखनऊ विश्वविधालय -</b> </span>11वीं और 12 वीं कक्षा में मीडिया स्टडीज <img alt="" src="http://samachar4media.com/sites/images/mukul-srivastva.gif" align="right" vspace="7" hspace="5" />पाठ्यक्रम में शामिल करने पर में कतई सहमत नहीं हूं। उस उम्र के छात्र इतने म्योचर नहीं होते कि वो निश्चित कर पाएं कि उन्हें करना क्या है। उस उम्र में हमारा जिंदगी को देखने का नजरिया स्पष्ट नहीं होता। मुझे नहीं लगता कि इस पाठ्यक्रम के जरिए हम मीडिया प्रोफेशन के लायक स्किल का विकास कर पाएंगे। और अगर मीडिया प्रोफेशन के स्किल को विकसित नहीं किया गया तो जाहिर सी बात है कि गलतियां होंगी। हां, एक बात है इसके जरिए मीडिया की समझ हो जाएगी। जैसा आपने कहा कि संवाद की कमी है इसके जरिए हम पूर्ति कर सकते हैं। अगर संवाद की कमी है तो इसके लिए भी अध्यापक जिम्मेदार हैं। मुझे नहीं लगता कि किताबें पढ़ाकर कम्यूनिकेशन स्किल बढ़ाई जा सकती है।</div> <div> </div> <div><span style="color: rgb(128, 0, 0);"><b> डॉ. संगीत रागी, </b><b>अध्यक्ष</b><b>, </b><b>जनसंचार विभाग</b><b>, अग्रसेन कॉलेज(दिल्ली विश्वविधालय) -</b> </span>देखिए <img alt="" src="http://samachar4media.com/sites/images/sangeet-ragi.gif" align="right" vspace="7" hspace="5" />मैं खुद मीडिया प्रोफेशनल रहा हूं और पिछले 12 साल से मीडिया स्टडीज पढ़ा रहा हूं। मुझे नहीं लगता कि ग्रेजुएशन के पहले ऐसे कोर्सेज शुरू किए जाएं। क्योंकि मीडिया वैसे ही आज के समय में गंभीरता खोती जा रही है। अगर ये कोर्स शुरू हो जाएगें तो वो गंभीरता और भी ज्यादा कम हो जाएगी। क्योंकि मेरे हिसाब से 12वीं क्लास के बच्चों में गंभीरता की पूरी तरह से कमी होती है। मुझे मीडिया स्टडीज को पाठ्यक्रम में शामिल करने में कोई अच्छी बात नजर नही आई। हां इससे संवाद को मजबूती तो मिलेगी, उस साइड से देखे तो अच्छा हैं लेकिन इसके बहाने मीडिया स्टडीज का कोर्स थोपने की जरुरत तो नहीं थी।</div> <div> </div> <div><span style="color: rgb(128, 0, 0);"><b>डॉ. श्रुति आनंद</b><b>, </b><b>अध्यक्ष पत्रकारिता विभाग</b><b>, </b><b>रामलाल आनंद कॉलेज (दिल्ली विश्वविधालय)-</b></span> मुझे मीडिया स्टडीज को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने में कोई औचित्य नजर नही आता। यह एक प्रोफेशनल कोर्स है। और मुझे नहीं लगता कि इस स्तर पर मीडिया की पढ़ाई होनी चाहिए। इसका प्रोफेशन पर भी असर पड़ेगा क्योंकि जो स्किल्स मीडिया प्रोफेशन में चाहिए वो विकसित नहीं हो पाएंगी। 11 या 12 वीं के बच्चे इतने परिपक्व नहीं होते कि उन्हें मीडिया के बारे में पढ़ाया जाए। वैसे बेसिक नॉलेज दे सकते हैं। जहां तक इससे संवाद को ताकत मिलने का सवाल है तो उसके लिए दूसरे बहुत सारे तरीके हैं, कई कोर्स हैं। फोक मीडिया के जरिए छात्रों को भारतीय संस्कृति को जानने और पहचानने का मौका मिलने की जो बात है तो उस पर मेरा यही कहना है कि इसे सामान्य ज्ञान के पाठ्यक्रम में शामिल करके भी हम बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे मे पढ़ा सकते थे।</div> <div> </div> <div>सभी प्रोफेसरों के विचार सुनने के बाद लगता है कि इसे 11वीं और 12 वीं के पाठ्यक्रम में शामिल करने लिए सीबीएसई को गहन चिंतन करने की जरूरत है। इस पर बिना कुछ सोंचे समझे काम नही करना चाहिए। और पाठ्यक्रम को इस प्रकार से तैयार किया जाना चाहिए ताकि उस लेवल के बच्चों में वैसी स्किल्स विकसत कर सके जो इस प्रोफेशन में चाहिए।</div>Unknownnoreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-11590744721002939082011-03-28T21:42:00.003+05:302011-03-28T21:49:53.899+05:30मीडिया के पास जाओगे तो छीन लेंगे अफगानिस्तान की औरतों की तरह तुम्हारी भी आजादी<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj3n-Ktsmj3-9EsOwkOUiOp_ORQW0BoY-6CugEFXr5irU27QaMp64Ic2jSmOCB1U8byv__7nx-f5iCAxDJzHUgS_eB47ElZh8X8qOFLoh5nfKtf6WPnaMCORzQuJkL_qsMGjRdTJ9IEjqY/s1600/28032011_zr11215769-large.jpg"><img style="margin: 0pt 10px 10px 0pt; float: left; cursor: pointer; width: 461px; height: 135px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj3n-Ktsmj3-9EsOwkOUiOp_ORQW0BoY-6CugEFXr5irU27QaMp64Ic2jSmOCB1U8byv__7nx-f5iCAxDJzHUgS_eB47ElZh8X8qOFLoh5nfKtf6WPnaMCORzQuJkL_qsMGjRdTJ9IEjqY/s400/28032011_zr11215769-large.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5589166139288268466" border="0" /></a>जानकारी मिली है कि राजस्थान में लघु उद्योग निगम ने मीडिया के पास अपनी समस्या लेकर जाने वाले एक कर्मचारील को निलंबित कर दिया है। यानी अब मीडिया सरकारी दफ्तरों में ऐसे बैन होगी जैसे तालिबार और अफगानिस्तान में औरतों की आजादी को बैन कर रखा है। आज दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक खबर इस सूचना की पुष्टि करती है। इस खबर को पढऩे के बाद तो यही लगता है कि राजस्थान का लघु उद्योग निगम मीडिया से इतना खौफ खाने लगा है कि वह अब अपने कर्मचारियों को क्रूर सजा देने लगा।Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-28752707292168441492011-02-07T10:50:00.002+05:302011-02-07T10:54:09.040+05:30<img src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjrq6Gr7fa15Nhx3vBArDtwUxlFNYmM1UuLxzcd-i2a57M7SKv701zDjp2S5XdsBuQIUDQwmiNHYBev9gTGD23hcnMeVRGCgJTzc4IFWA-JRBGURZRTguLIbKANgw4Xi5_cDLQ9i584Fj8/s320/A_1.jpg" style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 210px; height: 320px;" border="0" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5570813473479605266" /><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi7eaJIufdIxSl-QtEnSmpzMQECRM0EAtUZsoYMzAFKowC67Dtm4cHTU32ehVYobSZjKb5B9tP1azgw-phh86noMQ96Q8m0c-dzpfHttePHX5B58RS_iXBGYNad4M2frE3DFkZ1x2VdfV0/s1600/A_2.jpg"><img style="float:left; margin:0 10px 10px 0;cursor:pointer; cursor:hand;width: 264px; height: 320px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi7eaJIufdIxSl-QtEnSmpzMQECRM0EAtUZsoYMzAFKowC67Dtm4cHTU32ehVYobSZjKb5B9tP1azgw-phh86noMQ96Q8m0c-dzpfHttePHX5B58RS_iXBGYNad4M2frE3DFkZ1x2VdfV0/s320/A_2.jpg" border="0" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5570813476133196498" /></a><div><span class="Apple-style-span" >नमस्कार दोस्तों</span></div><div><span class="Apple-style-span" >आज दिन आपके लिए शुभ हो</span></div><div><span class="Apple-style-span" >मित्रों इन दिनों अमिताभ मेरे शहर भोपाल में शूटिंग कर रहे हैं। इस बात की जितनी खुशी है उससे ज्यादा फक्र है। ऐसे मौके पर मैं आपके लिए लेकर आ रहा हूं अमिताभ बच्चन की दुर्लभ तस्वीरें। प्रतिदिन आप रुबरू होंगे अमिताभ के नए और पुराने अंदाज से।</span></div><div><br /></div><div><br /></div><div><br /></div><div><br /></div><div style="text-align: right;"><b><span class="Apple-style-span" >सधन्यवाद-खालिद मोहम्मद की टू-बी-नॉट-टू-बी</span></b></div>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-65768273815469726642011-02-07T00:31:00.002+05:302011-02-07T00:41:08.464+05:30<iframe allowfullscreen='allowfullscreen' webkitallowfullscreen='webkitallowfullscreen' mozallowfullscreen='mozallowfullscreen' width='320' height='266' src='https://www.blogger.com/video.g?token=AD6v5dyqcS2uV0IQgljRoewQ1ZxHDQ_tljsr1f6tQ9JEeEtGu_hsUO5zmuuUvHtELuo_c3sDol1mk2YfDzEm-9hRUA' class='b-hbp-video b-uploaded' frameborder='0'></iframe>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-56765908383689999232010-12-11T09:30:00.003+05:302010-12-11T09:55:18.578+05:30दंगा कोई भी करे, दर्द तो घर की महिला को ही मिलेगा<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1JQVfr8ca689DyE5vWUeUwnbNTqXoZU8gjHuvf4kQTa_-len2HmtjgW3u8z1YmJj2KUOpErtgEnsCxk06LqSxRkzatqHHwE1TRAK1FZJUV2yOl17eCGnMQ6DsCyR9gj0Kt-3Qs-SCLj4/s1600/DSC00379.JPG"><img style="float: left; margin: 0pt 10px 10px 0pt; cursor: pointer; width: 294px; height: 221px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1JQVfr8ca689DyE5vWUeUwnbNTqXoZU8gjHuvf4kQTa_-len2HmtjgW3u8z1YmJj2KUOpErtgEnsCxk06LqSxRkzatqHHwE1TRAK1FZJUV2yOl17eCGnMQ6DsCyR9gj0Kt-3Qs-SCLj4/s320/DSC00379.JPG" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5549275450159812978" border="0" /></a>कल सुबह जब मैं अखबार पढ़ रहा था तो पीपुल्स समाचार में प्रकाशित भूमिका कलम की खबर ने मुझे फिर सोच में डाल दिया। इस खबर का विषय जितना संवेदनशील था, उतने ही संवेदनशील तरीके से इसे लिखा गया था। मामला था रतलाम में दंगा होने के बाद वहां की मुस्लिम महिलाओं पर हुए असर का। खबर लिखी तो मानव अधिकार दिवस के अवसर पर ऐसे विषय हमको हर दिन झंकझोरते हैं। खबर में रानी-बी ने बताया कि उसकी सास को पुलिस ने बालों से पकड़कर घसीटा और जब ऐसा करने से रोका तो उसे भी मारा। वहीं आफरीन ने बताया कि उसके भाई और पिता को भी पुलिस ने बेदर्दी से पीटा। अब वह बच्चों के शोर से भी डरने लगी है। 17 साल की समरोज के पिता को पुलिस उठाकर ले गई और छह दिन जेल में बंद रखा। 43 साल की अख्तर बी और उसके शौहर को पुलिस के जवानों ने केवल इसलिए पीटा कि वे मुस्लिम थे। आज भी अख्तर के पेट में दर्द होता है और वह दो महीने से चंदे पर गुजारा करने को मजबूर है।<br /><br /><span style="font-weight: bold;">अब</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मध्यप्रदेश</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">में</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">भी</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">सब</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कुछ</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">ठीक</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">नहीं</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">है</span><br />मप्र में शिवराज सिंह चौहान उम्दा काम कर रहे हैं, लेकिन कहीं न कहीं उनकी आंख से चूक हो रही है। भूमिका कलम की ये खबर मध्यप्रदेश में गरीबों के साथ होने वाली घटनाओं को छोटा सा नमूना भर है। इसके पहले रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज ब्लॉक में भी ऐसा ही हुआ था। बात केवल मुस्लिमों की ही नहीं है, बल्कि हर वो आदमी पुलिस से पीडि़त है जो आम है और वो किसी अपराध का शिकार हो गया है।Unknownnoreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-12664677360871736042010-11-13T13:18:00.006+05:302010-11-13T18:45:36.816+05:30आज खुशवंत सिंह की वजह से एक नया ज्ञान मिल गया है<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjRqtXDuTyzPAYvjF28DP2AmO9HyUG8zNijR_kPdZp7TpTl_uG3FYiGGfsYr8nyPXzM4zWyN0_ug-cE39mRXatq7JvnSxtKv9qgPqLq2ZV-l-J2bu3q_FJpD-q6JL-wMbSbNvMT4BLe9JU/s1600/bs+meena.JPG"><img style="margin: 0pt 10px 10px 0pt; float: left; cursor: pointer; width: 236px; height: 177px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjRqtXDuTyzPAYvjF28DP2AmO9HyUG8zNijR_kPdZp7TpTl_uG3FYiGGfsYr8nyPXzM4zWyN0_ug-cE39mRXatq7JvnSxtKv9qgPqLq2ZV-l-J2bu3q_FJpD-q6JL-wMbSbNvMT4BLe9JU/s320/bs+meena.JPG" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5539018888483621186" border="0" /></a><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span style="font-weight: bold;">आज मैं और मेरे साथी राधेश्याम दांगी बैठे थे और आपस में चर्चा करने लगे.<br /></span></span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span style="font-weight: bold;">राधे-</span>यार भीम तुम्हे मालू</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" >म है कि वाइन, विस्की, वोदका, मॉल्ट, स्कॉच और रम में क्या अंतर होता है।<br /><span style="font-weight: bold;">भीम-</span>यार कभी इस बारे में सोचा नहीं।<br /><span style="font-weight: bold;">राधे</span>-लेकिन मैं इस बारे में जानना चाहता हूं।</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><br /><span style="font-weight: bold;">भीम-</span>अचानक दारू के प्रकारों के बारे में जानने का विचार कैसे आ गया।</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><br /><span style="font-weight: bold;">राधे</span><span style="font-weight: bold;">-</span>खुशवंत सिंह की वजह से।<br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>खुशवंत सिंह!<br /><span style="font-weight: bold;">राधे</span><span style="font-weight: bold;">-</span>अरे आज दैनिक भास्कर के संपादकीय पेज पर</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" > उनका आर्टिकल छपा है और एक जगह उन्होंने जिक्र किया है कि एक कार्यक्रम में मेरे यहां आने वालों से पूछा कि वे लोग क्या लेना पसंद करेंगे। स्कॉच, वाइन, वोदका या अन्य कोई। तो उन्होंने मना कर दिया कि कोई नहीं।</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span><span><span><span><span></span></span></span></span></span><br />बस इस आर्टिकल को पढ़कर लगा कि आखिर इन सब में अंतर क्या होता है?</span><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhK43-LjNO5gr0zldGdk9pC5AMLTzLpPP8uS8oWpCMonhcU1bR8zMEVWdu_0PHs4u3Fpy8aMNVV8895wtoULufRY0M5FE7g5OAFnQkZKG-qF_raSjsq9eacJ1R_LKhK5NA8ncLuw1yfmPU/s1600/bs+meena1.JPG"><img style="margin: 0pt 0pt 10px 10px; float: right; cursor: pointer; width: 240px; height: 180px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhK43-LjNO5gr0zldGdk9pC5AMLTzLpPP8uS8oWpCMonhcU1bR8zMEVWdu_0PHs4u3Fpy8aMNVV8895wtoULufRY0M5FE7g5OAFnQkZKG-qF_raSjsq9eacJ1R_LKhK5NA8ncLuw1yfmPU/s320/bs+meena1.JPG" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5539019391214195154" border="0" /></a><br /><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>चिंता की कोई बात नहीं। अभी पूछे लेते हैं किसी से।<br />भीम फोन से मोबाइ</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span><span><span><span><span>ल</span></span></span></span></span> नंबर डायल करते हैं<br />सामने से एक आवाज गूंजती है जो कि सुनील नामक पत्रकार की थी।<br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>हां जी भीमसिंह बोल रहा हूं। कल आप याद कर रहे थे आज हमने याद कर लिया।<br /><span style="font-weight: bold;">सुनील</span><span style="font-weight: bold;">-</span>खुशकिस्मती हमारी। याद करते रहना चाहिए। बताए कुछ खास।<br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>मुझे वोदका, वाइन, व अन्य शराबों में अंतर जानना है।</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span><span><span><span><span></span></span></span></span></span><br /><span style="font-weight: bold;">सुनील</span><span style="font-weight: bold;">-</span>ठीक है इसके लिए एक ही आदमी सबसे बेहतर हैं और वो अपने बॉस। अभी बात कराता हूं।<br /><span style="font-weight: bold;">बॉस</span><span style="font-weight: bold;">-</span>क्या हाल है मी</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span><span><span><span><span>णा</span></span></span></span></span> जी। बहुत दिनों बाद याद किया।<br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>बस सर काम चल रहा है। आपसे ज्ञान लेना है।<br /><span style="font-weight: bold;">बॉस</span><span style="font-weight: bold;">-</span>बताए।<br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>वाइन, वोदका, स्कॉच, मॉल्ट, विस्की और रम में क्या अंतर होता है?<br /><span style="font-weight: bold;">बॉस</span><span style="font-weight: bold;">-</span>अचानक आज ये जानकारी लेने की क्या जरूरत पड़ गई। क्या कोई खबर <span></span></span><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiH52YH5iFayjkTyUqOewPURr7RUFPXPqYzi-Gk-qgNovXb_ZPkk5Jj2FNTV-mg_vlf0COLE9k93o593T_JAc4NzwlTIU5yNwtg0wSr-GgwVTwYiniZYoB_QkE1YCV6W3USSytc-kPegnU/s1600/bs+meena2.JPG"><img style="margin: 0pt 10px 10px 0pt; float: left; cursor: pointer; width: 221px; height: 166px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiH52YH5iFayjkTyUqOewPURr7RUFPXPqYzi-Gk-qgNovXb_ZPkk5Jj2FNTV-mg_vlf0COLE9k93o593T_JAc4NzwlTIU5yNwtg0wSr-GgwVTwYiniZYoB_QkE1YCV6W3USSytc-kPegnU/s200/bs+meena2.JPG" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5539020444866082146" border="0" /></a><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span><span><span><span><span>बना</span></span></span></span></span> रहे हो?<br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>नहीं, बस यूं ही सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए।<br /><span style="font-weight: bold;">बॉस</span><span style="font-weight: bold;">-</span>ठीक है।</span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span><span><span><span><span></span></span></span></span></span><br />वाइन अंगूर से बनती है।<br />मॉल्ट में फ्लेवर मिला होता है और एक तरह से इसे विस्की भी कह सकते हैं। जैसे पीटर स्कॉच और रेड नाइट।<br />वोदका व्हाइट कलर की होती है जिसमें स्मैल कम आती है।<br />स्कॉच 12 साल से पुरानी शराब को कहते हैं और स्कॉच की बोतल पर बराबर लिखा रहता है।</span><a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhTCGyhsE5GyOIoHZo8Ag3PaiI8P1-NZ6GKCbPJpVCWBrVSXAZgWFYf9eC2Eywe64IvVdb81bK0KGJIpMlT86y2ISLrzDoWbgatLiSOUVmZU9ce_ztrg8pvMlTgEESroqrngGzrw0T1-p0/s1600/bs+meena3.JPG"><img style="margin: 0pt 0pt 10px 10px; float: right; cursor: pointer; width: 212px; height: 158px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhTCGyhsE5GyOIoHZo8Ag3PaiI8P1-NZ6GKCbPJpVCWBrVSXAZgWFYf9eC2Eywe64IvVdb81bK0KGJIpMlT86y2ISLrzDoWbgatLiSOUVmZU9ce_ztrg8pvMlTgEESroqrngGzrw0T1-p0/s200/bs+meena3.JPG" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5539021618428974130" border="0" /></a><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span><span><span><span><span></span></span></span></span></span><br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span><span></span>जानकारी के </span><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" >धन्यवाद</span><br /><span style=";font-family:times new roman;font-size:100%;" ><span style="font-weight: bold;">राधे</span><span style="font-weight: bold;">-</span>क्या बताया।<br /><span style="font-weight: bold;">भीम</span><span style="font-weight: bold;">-</span>ये पढ़ो।(कागज राधे की तरफ बढ़ाया)<br /><span style="font-weight: bold;">राधे</span><span style="font-weight: bold;">-</span>ये जानकारी तो जबरदस्त है। आज खुशवंत सिंह की वजह से एक नया ज्ञान मिल गया।<br /></span>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-18983136005440975212010-04-29T23:16:00.000+05:302010-04-30T00:15:52.437+05:30ये तो कुछ भी नहीं.....<blockquote><h2 class="contentheading"><span style="font-weight: normal;font-size:100%;" ><span style="font-weight: bold;">भोपाल</span><span style="font-weight: bold;">। </span><span style="font-weight: bold;">जबलपुर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">से</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">एक</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">रिपोर्ट</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">भड़ास</span>4 <span style="font-weight: bold;">media par</span> <span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">प्रकाशित</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">हुई</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">है</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">की</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जबलपुर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कलेक्टर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">ने</span> <span style="font-weight: bold;">पत्रकारों</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">को</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">अपमानित</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">करने</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">वाली</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">टिप्पणी</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">की</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">है</span><span style="font-weight: bold;">. </span><span style="font-weight: bold;">यु</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">तो</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मामला</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">गंभीर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">है</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">लेकिन</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मध्य</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">प्रदेश</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">की</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">पूरी</span> <span style="font-weight: bold;">स्थिति</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">देखें</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">तो</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">हर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">दिन</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">एक</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">वाकया</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मिल</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जायेगा</span><span style="font-weight: bold;">। </span><span style="font-weight: bold;">ये</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">तो</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कमिश्नर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">हैं</span><span style="font-weight: bold;">, </span><span style="font-weight: bold;">यहाँ</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">तो</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">एसडी</span><span style="font-weight: bold;">एम</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">भी </span><span style="font-weight: bold;">सवाल</span> <span style="font-weight: bold;">पसंद</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">नहीं</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">आने</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">पर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">नए</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">पत्रकारों</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">से</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कह</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">देते</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">हैं</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">की</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">पहले</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">सवाल</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">करना</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">सीख</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">लो</span><span style="font-weight: bold;">। </span><span style="font-weight: bold;">इतना</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">ही</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">नहीं</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">दैनिक</span> <span style="font-weight: bold;">भास्कर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">भोपाल</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">फोटो</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जर्न</span><span style="font-weight: bold;">लिस्ट</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">ने</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जब</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कुछ</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">किसानों</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">साथ</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जाकर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">उनकी</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">समस्या</span> <span style="font-weight: bold;"></span><span style="font-weight: bold;">ओबेदुल्लागंज</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">ब्लाक</span><span style="font-weight: bold;">( </span><span style="font-weight: bold;">ये</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मध्यप्रदेश</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">रायसेन</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जिले </span><span style="font-weight: bold;">में</span><span style="font-weight: bold;">) </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">एस</span><span style="font-weight: bold;">डी</span><span style="font-weight: bold;">एम</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">संजय</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">सिंह</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">सामने</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">रखी</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">तो</span> <span style="font-weight: bold;">उन्होंने</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">फोटो</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जर्नलिस्ट</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">को</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">दलाल</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कह</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">दिया</span><span style="font-weight: bold;">। </span><span style="font-weight: bold;">इस</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">टिप्पणी</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">का</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मकसद</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">किसी</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">को</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">आहत</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">करना</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">कतई</span> <span style="font-weight: bold;">नहीं</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">है</span><span style="font-weight: bold;">, </span><span style="font-weight: bold;">लेकिन</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मध्य</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">प्रदेश</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">में</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">पत्रकारों</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">के</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">अपमान</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">की</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">बानगी</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">जरुर</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">है</span><span style="font-weight: bold;">।</span></span></h2><span style="font-weight: bold;">ये</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">है</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">वो</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">खबर</span><br /><a href="http://www.bhadas4media.com/vividh/4948-media-jabalpur.html" class="contentpagetitle">पत्रकारों से बोले कमिश्नर- चुल्लू भर पानी में डूब मरो </a><br />पत्रकारों के सवालों से झल्लाए जबलपुर के कलेक्टर ने पत्रकारों को चुल्लू भर पानी में डूब मरने की नसीहत दे डाली. उन्होंने ये बात उस समय कही जब पत्रकार शहडोल संभाग के कमिश्नर हीरालाल त्रिवेदी से उनकी नयी कार के बारे में पूछ रहे थे. मामला उस समय हुआ जब मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री राघव जी जबलपुर में जबलपुर, शहडोल और रीवा संभाग की समीक्षा बैठक लेने आये थे. <p style="text-align: justify;">इस समीक्षा बैठक में शहडोल संभाग के कमिश्नर हीरालाल त्रिवेदी बिना नंबर की लक्जरी फोर्ड इन्डिवर वाहन में जबलपुर आये थे. जब ये बात पत्रकारों को पता चली तो उन्होंने वित्त मंत्री के जाते ही कमिश्नर साहब को घेर लिया और उनसे इस लक्जरी फोर्ड इन्डिवर वाहन के बारे में सवाल दाग दिए. कमिश्नर साहब अपना बचाव करते हुए कहने लगे की सरकार ने ये सुविधा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कलेक्टर और कमिश्नर को प्रदान की है. इसी कारण इस सुविधा का लाभ हम उठा रहे हैं. ये बात जबलपुर कलेक्टर गुलशन बामरा को ठीक नहीं लगी और उन्होंने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा की इस तरह के सवाल आप लोगों को यहां नहीं करने चाहिए. कमिश्नर साहब हमारे मेहमान है और उनसे इस तरह के आप लोग सवाल कर रहे हैं. आप लोगों को तो चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;">अब साहब, कमिश्नर साहब आपके मेहमान हैं, और पत्रकार उनसे सवाल पूछ रहे हैं, और उन्हें इसका जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है, तो आपको ख़राब बिल्कुल नहीं लगना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;">इधर शहडोल कमिश्नर हीरालाल त्रिवेदी ने ये भी कहा कि सरकार ने 15 हज़ार रुपये किराये पर कोई भी वाहन लेने के लिए कहा है. लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या 15 हज़ार रुपये में लक्जरी फोर्ड इन्डिवर वाहन किराये पर मिल सकता है. क्योंकि इस वाहन का एवरेज ही 6-8 प्रति किलोमीटर है. प्रदेश के वित्त मंत्री राघव का कहना है कि प्रदेश पर बहुत ढेर सारा कर्ज का बोझ है पर कमिश्नर साहब लक्जरी कार में घूम रहे हैं.</p> <p style="text-align: right;"><strong>जबलपुर से आशीष विश्वकर्मा की रिपोर्ट</strong></p><div style="text-align: right;"><span style="font-size:85%;"><span>साभार</span>-<a href="http://www.bhadas4media.com/vividh/4948-media-jabalpur.html"><span>bhadas4media</span></a></span><br /></div></blockquote>Unknownnoreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-16528492753429014222010-04-27T15:35:00.000+05:302010-04-27T16:05:21.397+05:30संजीवनी<a onblur="try {parent.deselectBloggerImageGracefully();} catch(e) {}" href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjxhmgY9XiHjanivrPahl3DhDl62b9vbkWzbtqEW6lkldnubTYyKT7p_pMqUXr0WuKxwOrOUpKkD0FbFoTzfPHSjOhYqqFt8sB36lJ19RFWGySzl-cUSly6sOUrL2eZQHRfiW-Iuxtjou4/s1600/rajasthani-girls.jpg"><img style="margin: 0pt 0pt 10px 10px; float: right; cursor: pointer; width: 218px; height: 263px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjxhmgY9XiHjanivrPahl3DhDl62b9vbkWzbtqEW6lkldnubTYyKT7p_pMqUXr0WuKxwOrOUpKkD0FbFoTzfPHSjOhYqqFt8sB36lJ19RFWGySzl-cUSly6sOUrL2eZQHRfiW-Iuxtjou4/s320/rajasthani-girls.jpg" alt="" id="BLOGGER_PHOTO_ID_5464763451146830162" border="0" /></a>"सृजन, चिन्तन, मंथन का प्रतिरूप हो तुम,<br />मन की स्वर<span>लहरिया </span>का स्वरूप हो तुम,<br />विचारों के आवेग में बसने वाले,<br />मेरी अभिव्यक्ति, मेरी अनुभूति का अभिप्राय हो तुम,<br />तीव्र तृष्णा के बीच में अतृप्त सा मन,<br />मन की मृग-तृष्णा को दूर करने का आधार हो तुम,<br />नहीं लांघना मर्यादाओं की लक्षमणरेखा,<br />मेरे लिए जीवन का अटल सत्य हो तुम,<br />मन के प्रवाह पर एकाधिपत्य है तुम्हारा,<br />मन जीवन की स्वर्ण जड़ित पतवार हो तुम,<br />जीवन बेला में कुछ भी असंभव नहीं लगता,<br />मेरे लिए प्राणवायु और संजीवनी से बढकर हो तुम।।<br /><span style="font-weight: bold;">डॉ</span><span style="font-weight: bold;">.</span><span style="font-weight: bold;">सुरेन्द्र</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">मीणा</span><br />डी/16, बिरलाग्राम नागदा जंक्शन, जिला उज्जैन(मध्य प्रदेश)<br />मोबाइल-<span style="font-family:times new roman;">09827305628</span><br />(डॉ सुरेन्द्र मीणा पेशे से एक कालेज में प्रोफ़ेसर हैं। साहित्य में विशेष रूचि रखते हैं और नागदा में होने वाले <span>सामाजिक </span>कार्यक्रमों में भी बढ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।)Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-24794055354558374602010-04-26T19:10:00.000+05:302010-04-26T21:09:28.108+05:30मेरी बीबी अली बाबा चालीस चोर पड़ रही है<strong><span style="color:#ff0000;">भोपाल। किताबों का जीवन पर प्रभाव पड़ता है की नहीं ये एकदम यकीन के साथ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन रेस्टोरेंट में बेठे एक शख्स के ऊपर केवल किताबों की चर्चा से ही असर हो </span></strong><span class=""><strong><span style="color:#ff0000;">गया।</span></strong> </span><br /><span class="">दरअसल हुआ यूं की कुछ साहित्यकार काफी हॉउस में चाय की चुस्कियों के बीच पुस्तक चर्चा कर रहे थे।</span><br /><span class=""><strong>एक ने कहा-</strong>पुस्तकों का जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।</span><br /><span class=""><strong>दुसरे ने सहमत होते हुए कहा-</strong>जैनेन्द्र कुमार ने साहित्य का श्रेय और परे में ठीक ही लिखा है की एक कहानी से या पुस्तक से कुल मिलकर एक प्रभाव पड़ना चाहिए।</span><br /><span class="">सो कैसे? " <strong>तीसरे ने </strong><span class=""><strong>पूछा</strong>"</span> </span><br /><span class="">जब मेरी पत्नी गर्भवती थी तो वह सुरेन्द्र शर्मा का उपन्यास 'दो मुर्दों के लिए गुलदस्ता' पड़ रही थी और उसने दो मृत जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।" <strong>पहले ने कहा।</strong></span><br /><span class="">"मेरी पत्नी गर्भवती होने के समय जेरोम के जेरोम का उपन्यास ' थ्री मेन <span class="">इन ए</span> बोट' पड़ रही थी और उसने तीन बच्चों को एक साथ इलाहाबाद में नाव में उस समय जन्म दिया जब हम लोग 'संगम स्नान' के लिए जा रहे थे, " <strong>दूसरे ने </strong><span class=""><strong>कहा।</strong> </span></span><br /><span class="">यह सुनते ही <strong>तीसरा व्यक्ति</strong> गश खाकर कुर्सी से नीच गिरकर बेहोश हो गया। लोगों ने उसे उठाकर कुर्सी पर बैठाया और उसे किसी प्रकार होश में लाएउसके सामान्य होने पर लोगों ने उससे <span>पूछा, <strong>" क्यों</strong></span><strong> क्या हुआ? ठीक तो हो <span class="">न?"</span></strong></span><br /><span class=""><strong>तब उसने कहा, "</strong> मैं तो ठीक हूँ लेकिन मेरी पत्नी गर्भवती है और आजकल <span class="">वह' <strong>'</strong></span><strong>अलीबाबा चालीस चोर'</strong> पड़ रही है।</span><br /><div align="left"><strong>महेंद्र राजा जैन</strong></div><div align="left"><strong>8अ, बंद रोड, एलनगंज, इलाहाबाद, <span style="font-family:times new roman;">2</span>11002</strong></div><div align="right"><strong>साभार-हंस</strong></div>Unknownnoreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-50726395766714876552010-04-20T16:33:00.001+05:302010-04-20T17:07:01.815+05:30माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्व विद्यालय में पीछे के दरवाजे से बडाये जाते हैं नंबर<span style="font-size:130%;"><span>भोपाल</span>. <span>देश</span> <span>के</span> <span>प्रतिष्ठित</span> <span>माखनलाल</span> <span>चतुर्वेदी</span> <span>पत्रकारिता</span> <span>विश्व</span> <span>विद्या</span><span>लय</span> <span>में</span> <span>पत्रकारिता</span> <span>को</span> <span>कलंकित</span> <span>करने</span> <span>वाले</span> <span>काम</span><span>को</span> <span>अंजाम</span> <span>दे</span> <span>रहे</span> <span>हैं</span> <span>वहां</span> <span>के</span> <span>चार</span> <span>बाबु</span>। <span>इन</span> <span>लोगों</span> <span>ने</span> <span>पेसे</span> <span>लेकर</span> <span>रिवेल्यु</span><span>वेशन</span> <span>के</span> <span>समय</span> <span>क्षत्रों</span> <span>के</span> <span>नंबर</span> <span>बडाये</span> <span>हैं</span>। <span>इस</span> <span>पुरे</span><span>मामले</span> <span>में</span> <span>लगातार</span> <span>जाँच</span> <span>हुई</span> <span>लेकिन</span> <span>नतीजा</span> <span>कुछ</span> <span>नहीं</span> <span>निकला</span>। <span>पूरा</span> <span>मामला</span><span></span> <span>कल</span> <a href="http://bharataaj.blogspot.com"><span>भारताज</span> <span>ब्लॉग</span></a> <span>पर</span> <span>एक्स्पोसे</span> <span>होगा</span>।<br /></span>Unknownnoreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-398108450165107989.post-90833936761481880322010-04-11T17:01:00.000+05:302010-04-12T00:33:17.756+05:30एमपी पोस्ट ने कराइ चुनाव प्रक्रिया पर चर्चा<span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;"><strong>भोपाल।</strong> मध्यप्रदेश के पहले इंटरनेट समाचार पत्र एमपी पोस्ट द्वारा आज <span style="font-family:lucida grande;">३.३०</span> बजे से स्वराज भवन में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा का मुख्य विषय सुचना प्रोधौगिकी चुनाव और राजनीति था। इसके आलावा एमपी पोस्ट मध्य प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया का वृहद् परिदृश्य और राजनितिक अतीत पर एक डिजिटल दस्तावेज का विमोचन किया गया। इस मौके पर मुख्य वक्ता थे देश के जाने मने एक्सिट और ओपिनियन पोल, मीडिया विशेषग्य, चेअरमेन-सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के </span><br /></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;">डॉ न भास्कर राव</span><br /></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;"><strong></strong></span></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;"><strong>विशिष्ट वक्तव्य-</strong></span><br /></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;">राज्यसभा सदस्य और भाजपा के प्रदेश उपाध्क्ष <strong>अनिल माधव दावे।</strong> </span><br /></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;">मध्य पदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता <strong>अरविन्द </strong><strong>मालवीय।</strong></span><br /></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;"><strong>इनके अलावा चुनाव प्रक्रिया को कवर करने वाले </strong></span><br /></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;"><strong>पत्रकारों ने भई कार्यक्रम को संबोधित किया।</strong></span><br /></span><span style="font-size:130%;"><span style="font-family:courier new;">इनमें दैनिक भास्कर के स्टेट ब्यूरो चीफ श्री गणेश संकल्ले, स्टार न्यूज़ के विशेष संवाददाता श्री ब्रिजेश राजपूत, हिंदुस्तान टाइम्स के विशेष संवाददाता श्री रंजन श्रीवास्तव और इंडिया टुडे के प्रमुख संवाददाता अम्बरीश मिश्र शामिल थे।</span></span>Unknownnoreply@blogger.com0