भोपाल। दुनिया में कई काम अदभुत होते हैं कुछ नेक नियत के साथ तो कुछ ग़लत नियत के साथ। लेकिन दैनिक भास्कर ने गैस ट्रेजिडी पर जिस तरह से श्रधांजलि दी वह अदभुत है, न केवल मानवीयता के लिहाज से बल्कि पत्रकारिता में भी एक मिसाल है। शायद इसी लिए भास्कर सबसे अलग है। इसके पहले केवल नई दुनिया ने आपातकाल के समय पेज खाली देकर लोगों को सही मायने में आपातकाल का अहसास दिलाया था। इस भास्कर ने २ दिसंबर की कलि रात को हुए हादसे के लिए ३ दिसंबर के अख़बार के सभी पेज ब्लेक एंड व्हाइट रखे। ३ दिसंबर की सुबह जब लोगों ने अख़बार पड़ा तो उनको २५ साल पहले हुई घटना का अहसास हुआ। आम और खास ने उस रात को महसूस किया। इसके लिए भास्कर की टीम बधाई और साधुवाद की पात्र है। भास्कर ने ३ दिसंबर को जो कंटेंट लिया वहभी लाजवाब है। एक बानगी उस हादसे की भास्कर के द्वारा।
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