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Thursday, September 17, 2009

साधना न्यूज़ मध्यप्रदेश में महिला पत्रकार की खिलाफ अश्लील पर्चबाजी


फाल्गुनी त्रिपाठी। भोपाल
मध्य प्रदेश में साधना न्यूज़ चैनल में हाल ही में ज्वाइन करने वाली वरिष्ठ पत्रकार मुक्ता पाठक को हटाने के लिए कुछ पत्रकारों ने उन्हें बदनाम करने के लिए बेनामी पर्चे निकालकर उनके चरित्रहनन की कोशिश की हैं खास बात ये है की जो पर्चे जारी हुए हैं वे सेन्ट्रल प्रेस क्लब के लेटर हेड पर हुए हैं। इस बात से न केवल मुक्ता पाठक आहत हैं बल्कि प्रेस क्लब के प्रेसिडेंट विजय दास भी नाराज हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही। माना जा रहा हैं मुक्ता पाठक के साधना न्यूज़ ज्वाइन करने से वहां काम कर रहे एक गुट को करार झटका लगा हैं क्योंकि उन लोगों को लगने लगा है की शायद मुक्त पाठक के आने से उनके काम प्रभावित होंगे साधना चैनल में भी उनका कद कम होगा। माना ये जा रहा है है की मुक्ता पाठक की कार्यशैली से लोग ज्यादा भयभीत हैं। क्योंकि मुक्ता पाठक जिस भी संस्थान में काम करती हैं उनका हर कदम संस्था के हित में होता हैं और इस कारण अमानत में खयानत करने वाले उनसे खासे नाराज़ रहते हैं साधना न्यूज़ के सूत्र बताते हैं कि मुक्ता पाठक के आने के बाद से न्यूज़ डिपार्टमेंट के एक पत्रकार ने इसका विरोध सिर्फ इसलिए किया क्योंकि मुक्ता कि साख उनसे ज्यादा अच्छी हैं और सरकार पर पकड़ भी पर्याप्त हैं ऐसे में मुक्ता पाठक का पहला शो "आप कि बात" हिट हो जाने से भी साधना न्यूज़ के दो पत्रकारों को खासी दिक्कतें शुरू हो गयी हैं साधना टीवी के सूत्रों का कहना हैं कि इन लोगों को इस बात से भी दिक्कत शुरू हो गई हैं कि मुक्ता पाठक को मैनेजमेंट ज्यादा तवज्जो क्यूँ दे रहा हैं इसके पहले भी ये बात सामने आई है की वल्लभ-भवन और जनसंपर्क कार्यालय में जाकर एक गुट मुक्ता पाठक को भला बुरा एक गुट ने कहा है। भोपाल में पत्रकारों का एक गिरोह हमेशा ही अपनी दुश्मनी निकलने के लिए पर्चेबाजी का सहारा लेता हैं ये वही लोग हैं जो इससे पहले सीनियर जर्नलिस्ट राहुल सिंह, एन के सिंह, राजेश बादल, अनुराग उपाध्याय, राजेन्द्र शर्मा, ह्रदेश दीक्षित, अभिलाष खांडेकर आदि के खिलाफ भी पर्चे निकाल चुके हैं इन पर्चों का शिकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से लेकर बड़े बड़े अधिकारी तक बने हैं लेकिन इस बार जो पर्चा मुक्ता पाठक के खिलाफ आया हैं वह एक दम भद्दा और घोर आपत्तिजनक हैं इस पर्चे में वह बातें भी लिखी हैं जो सिर्फ साधना चैनल में काम करने वाले व्यक्ति ही जानते हैं इसलिए यह पक्का हो गया हैं कि पर्चेबाज साधना के भीतर का ही कोई व्यक्ति हैं इस मामले पर जब मुक्ता पाठक से बात कि गई तो उन्होंने फ़िलहाल कुछ भी कहने से इंकार कर दिया हैं वही इस पर्चे में सेन्ट्रल प्रेस क्लब और उसके अध्यक्ष का नाम आने के बाद भी प्रेस क्लब कि चुप्पी समझ से परे हैं सेन्ट्रल प्रेस क्लब के सीनियर जर्नलिस्ट विजय दास ने इस पर्चेबाजी को असहनीय बताया हैं और कहा हैं वह इस मामले में गंभीर हैं और शीघ्र ही इस मामले कि जाँच करवायेंगे
साभार http://www.dakhal.net/

Tuesday, January 13, 2009

मरने से पहले sms भेज कर गहना को बचा लीजिये?

गहना को माँ बनना चाहिए या नही ये तो बालिका वधु के निदेशक तय करेंगे लेकिन sms के जरिये जो परिणाम सामने आ रहे हैं उससे तो लगता है की देश की जनता नही चाहती है की गहना माँ बने।
अफ़सोस तब होता है जब sms भेजने वाले के पड़ोस में कोई गहना माँ बन जाती है और हम sms करते हैं मगर इस बात का की एक नाबालिग माँ बन गई है और उसकी मौत हो गई है और उसका पैदा बच्चा भी ख़त्म हो गया है।
शायद पड़ोस में मरने वाली गहना की मौत पर हम आंसू भी बहा लेते होंगे लेकिन जिस गहना की ख़बर अख़बार में छपती है उसकी मौत पर आंसू बहाना तो दूर चर्चा करने की फुरसत हमारे पास नही होती है। अभी सीरियल ख़त्म हुआ तो पडोसियों में गहना के माँ बनने को लेकर बहस छिड़ गई लेकिन ये बहस पड़ोस में मरने वाली गहना की मौत पर छिडेगी ?

हर तारीख पर नज़र

हमेशा रहो समय के साथ

तारीखों में रहता है इतिहास