अंत एक ही बात कहूँगा की जवानी में मुझसे भूल हो गई इसलिए मुझे माफ़ कर दो।
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Friday, May 22, 2009
काश में सबूत जुटाकर बात करता
भोपाल । हर इंसान के जीवन में एक दौर आता है जब वो कुछ फेसले बहुत सोच समझ कर नही लेता है। ऐसा सबसे ज्यादा जवानी के दिनों में होता है। खासतौर से तब जब आप कम् उम्र में ओरों से थोड़ा आगे होते हैं। हालाँकि ऐसे समय में जोश के साथ होश से काम लेने की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। हो सकता है की आगे जो मैं लिखने जा रहा हूँ उससे आप मुझे दो बात करने वाला व्यक्ति कहें, लेकिन मुझे लगता है की मेरे लिए अब यही सही कदम होगा। अब ये मैं आपको नही बता सकता हूँ की जो बात पहले लिखी थी उसमे साहस था या अब जो लिखने जा रहा हूँ ये साहसिक है। खेर आपको याद दिला दूँ की आज से कुछ दिन पहले बड़े पत्रकार लड़की के साथ ? पोस्टमैंने अपने ब्लॉग पर डाली थी । उस ख़बर में मैंने किसी पत्रकार या होटल का नाम नही लिखा था और न ही उन लोगो के बारे में कोई खुलासा किया था जिनको मैंने लड़की का संरक्षक बताया था। पोस्ट डालने के बाद मुझसे ढेरों सवाल-जवाब हुए की ये ख़बर कहाँ से आई और किसने दी। मैंने लोगों से वादा किया की सबूत जुटाकर मैं सभी नामों का खुलासा करूँगा। खेर में ऐसा नही कर पाया और अपने वादे से कोसों दूर रहा। इसलिए मैं सभी से और माफ़ी मांगता उनसे जिनके बारे में मैंने लिखा था । ये काम में बहुत पहले कर लेता लेकिन इसके लिए मुझे काफी हिम्मत जुटानी पड़ी। मैं अपने नए मित्रों से भी ये कहना चाहूँगा की दोस्तों जो करों जोश के साथ करों लेकिन होश कभी मत गवाओं । दुनिया में छवि एक बार बनती है और एक बार बिगड़ती है इसलिए इस बात का ध्यान रखो की जो तुम करने जा रहे हो उससे बहुत सारे लोग प्रभावित होते है। में माफ़ी चाहता हूँ अपने गुरु से जिनको मेरी वजह से कही भी शर्मिंदा होना पड़ा । दोस्तों एक बात अच्छे से जान लो की कभी भी समय से पहले उड़न भरने की कोशिश मत करो वरना हाल कव्वे की तरह हो जायेगा । भविष्य में कोई दुस्साहस नही करूँगा इसका वायदा नही कर सकता लेकिन जब करूँगा मय सबूत के साथ करूँगा ।
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3 comments:
मूल मंत्र:
सनसनी बिना सबूत के मत फैलाओ.
चलो, आपने गल्ती को अहसासा-जिस भी कारण से. काफी है.
अपने काम मे गल्ती की गुंजाईश कुछ ज्यादा रहती है और कुछ हिस्सा हमारे भरोसे का भी रहता है। आपने जो किया उसे आप अपनी गल्ती मान रहे तो ये आपका बड़प्प्न है लेकिन जवानी के इस हौसले को आप बुढापे तक़ बनाये रखेंगे और हर बात को मय सबूत सामने लाते रखेंगे इसी उम्मीद के साथ आपके सुनहरे भविष्य की कामना करता हूं।
कोई बात नहीं .. जब जागे तभी सवेरा .. वैसे इस दुनिया में कदम सोंच समझकर ही बढाने चाहिए।
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