sholy फ़िल्म में जितने भी पात्र थे वे सभी लोकप्रिय हुए लेकिन सूरमा भोपाली ने अपनी अलग जगह बनाई लेकिन वे आज दुखी होंगे क्योंकि जब इस ब्लॉग को बनाना शुरू किया तो लोगो ने कहा की इसका नाम भोपाली शब्द से मत जोड़ना और वजह बताई भोपाली शब्द को इज्ज़त की नजरो से न देखा जाना। क्या भोपाली शब्द इतना गया गुजरा है की उसके नाम से ब्लॉग नही बना सकते। रतलाम के रवि, रवि रतलामी नाम से ब्लॉग बनाते है और वह पुरे देश में हिट होता है लेकिन भोपाल का रहने वाले कहते है की में भोपाली शब्द का इस्तेमाल न करूँ। क्यों न करू भोपाली शब्द का इस्तेमाल, मेरे भोपाल ने गैस हादसे को सहा और आज उससे उबरकर विकाश के चरम की और बढ रहा है। अगर किसी को भोपाली शब्द से नफरत है तो वह भोपाल क्यों नही छोड़ देता। क्या आप बिहारी कहलाना पसंद करोगे जहाँ खुलेआम हिंसा होती है, क्या आप मराठी कहलाना पसंद करोगे जहाँ किसी और को रहने का अधिकार नही दिया जाता। कोई प्रदेश या जाती ख़राब नही होती है ये तो माहोल बनाया जाता है।
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